त्रिलोकव्याप्त!
त्रिलोकव्याप्त One who is diffused in all three worlds. जो तीनों लोकों में व्याप्त है , लोकपूरण समुदघात, केवली भगवान के आत्मप्रदेशों का घनलोकप्रमाण सर्वलोक में फैल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलोकव्याप्त One who is diffused in all three worlds. जो तीनों लोकों में व्याप्त है , लोकपूरण समुदघात, केवली भगवान के आत्मप्रदेशों का घनलोकप्रमाण सर्वलोक में फैल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निशुंभ – Nishumbha. The 5th Pratinarayana of the present era. वर्तमान के 9 प्रतिनारायणों में पाँचवाँ प्रतिनारायण “
दासीदास प्रमाणातिक्रम An infraction of possessional limitation of keeping servents.परिग्रह परिमाणव्रत का एक अतिचार, दास दासी के लिए हुए प्रमाण का उल्ंलघन करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शलाका कुण्ड – Shalaakaa Kunda. A large pit for the for the large mathematical measurement. उत्कृष्ट संख्यात प्रमाण जानने के लिए जम्बूद्वीप के सामान 1 लाख योजन लम्बे-चौड़े और एक योजन गहरे शलाका, प्रतिशलाका, महाशालाका, अनवस्थित इन 4 कुण्डों में एक कुण्ड “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्हेतुकत्व – Nirhetukatva. Causelessness. हेतुरहितपना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्यमान बीस तीर्थकर – Vidyamana Bisa Tirthamkara. The 20 Tirthankaras (Jaina-Lords) situated in videh Kshetra (region). ५ मेरु संबंधी ५ विदेह क्षेत्रों में बीस तीर्थकर सतत् विद्यमान रहते हैं, उनके नाम – सीमंधर, युगमन्धर, बाहु, सुबाहु, संजात, स्वयंप्रभ, ऋषभानन, अनंतवीर्य, सुरिप्रभ, विशालप्रभ, व्रजधर, चन्द्रबाहु, भुजंगम, ईश्वर, नेमिप्रभ, वीरसेन, महाभद्र, देवयश, अजितवीर्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तरीयवाद -Lokottariyvaad . The synonym for Shrutgyan (scriptural knowledge ). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
देवगुरू A Digambar Jain saint possessing supernatural power. एक चरण ऋद्धिधारी मुनि इन्होंने अंतिम समय में वानर को णमोकार मंत्र सुनाया था जिससे मरकर वह सौधर्म स्वर्ग में चित्रांगद नामक देव हुआ था।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति भक्ति – Nirvrtti Bhakti. A devotional prayer for salvation of one. श्रावक अथवा श्रमण द्वारा सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यग्चारित्र की भक्ति करना ” निर्वृत्तिभक्ति (निर्वाणभक्ति) है (नियमसार से) “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव नपुंसक – Bhava Napumsaka. Psychologically neutral (sexually) one. जो भाव से न स्त्री रूप है न पुरुष रूप है “