प्रमाण योजन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण योजन- क्षेत्र का प्रमाण विषेश। PramanaYojana- An area unit
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण योजन- क्षेत्र का प्रमाण विषेश। PramanaYojana- An area unit
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रार – Sahasraara. Name of the 12th heaven. 12वां स्वर्ग, यहां का इन्द्र शतार है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभास (स्वर्ग)- अनुदिस स्वर्ग के श्रेणीबद्ध 4 विमानों में उŸार दिष का विमान। Prabhasa (svarga)- Name of a heavenly abode
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोहर- Manohara. Beautiful, alluring, pleasing, A type of peripatetic deities, Name of initiation – forests of Lord Padmaprabh, Shreyansnath and Vasupujya. मनकोमोहितकरनेवाला , महोरगजातिकाएकव्यंतरदेव , एकवनजहाँतीर्थंकरपदमप्रभ, श्रेयांसनाथ , वासुपूज्यनेदीक्षालीथी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यावर्तित- प्रतिवर्तित, लौटा हुआ। pratyavartita – reverted, returned
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == केवलज्ञान : == तह य अलोयं सव्वं तं णाणं सव्व—पच्चक्खं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : २५४ जो द्रव्य—पर्याय से युक्त संपूर्ण लोक को और संपूर्ण अलोक को (सब कुछ को) प्रकाशित एवं प्रत्यक्ष करता है, वह केवलज्ञान हुआ करता है।
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राप्य कर्म- कर्ता के द्वारा बिना किसी विकार आदि के पदार्थ की प्राप्ति करना। Prapya Karma- Easily attainment of object
ईर्यापथ क्रिया Act of walking carefully. सूक्ष्म जीवों आदि को जमीन आदि पर देखते हुए चलना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]