लक्ष्मीदेवी!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीदेवी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की देवी। केवल ज्ञान रूपी महालक्ष्मी के प्रतीक में निर्मित मूर्ति।जिनके मस्तक पर अरिहंत भगवान की मूर्ति होती है। Laksmidevi-A female divinity of Pundarik lake
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीदेवी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की देवी। केवल ज्ञान रूपी महालक्ष्मी के प्रतीक में निर्मित मूर्ति।जिनके मस्तक पर अरिहंत भगवान की मूर्ति होती है। Laksmidevi-A female divinity of Pundarik lake
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक शुची –Laukika Shuchi.: Eight particular means of worldly purities. लोक व्यवहार शुद्धि –काल ,अग्रि,भस्म ,मृत्तिका ,गोबर ,पानी ,ज्ञान और निर्विचिकित्सा-ग्लानिरहितपना ये 8 प्रकार की वस्तुओं से व्यवहार में शुद्धि की जाती है “जैसे मिट्टी से हाथ धोना ,गोबर से जमीन लीप कर शुद्ध करना आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षपर्वा – एक औशधि विद्या। Laksaparva- A medicinal knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यभामा – Satyabhaamaa. The daughter of Vidhyadhar King Suketu, she was married to Shrikrishna. विद्याधर राजा सुकेतु एवं रानी स्वयंप्रभा की पुत्री ” इसका विवाह श्रीकृष्ण से हुआ, सुभानु इसका पुत्र था ” अंत में दीक्षा धारण की “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांतिनाथ पुराण – Shantinaatha Puraana. Many narrative books of this title written by 1)Poet Asag 2) Acharya Shreedhar 3) sakalkirti 4) Shubhkirti. कवि असग द्वारा (ई. 988) रचित हिंदी महाकाव्य, आचार्य श्रीधर (ई. 1132) कृत अपभ्रंश काव्य, सकलकीर्ति (ई. 1406-1442) कृत 3475 संस्कृत पद्य प्रमाण ग्रंथ, शुभकीर्ति (ई.श. 15 पूर्वार्ध) कृत अपभ्रंश काव्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अहिंसा – Nishchaya Ahinsa. Absolute non-voilence. मुनि अवस्था में प्रमाद व राग आदि का उत्पन्न न होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिक्कु – क्षेत्र का प्रमाण विषेश अपरनाम किश्कु या गज।2 हस्त 1 किश्कु Rikku-A measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शल्य रहित – Shalya Rahita. One without any worries and attachment. व्रती; जो शल्य रहित होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजा – देष का एक प्रधान पुरूश, प्रजा का रक्षक। Raja-A king as a protector, a ruler of a country
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मदेव – Brahmadeva. Name of an Acharya, the writer of Dravya Samgrah Tika, Parmatma prakash Tika etc. द्रव्यसंग्रह एंव परमात्म प्रकाश टीका आदि के कर्ता एक आचार्य “