रूक्षत्वस्कंध!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षत्वस्कंध – रूखेपन से सहित अथवा चिकनाहट से रहित पुद्गल स्कंध। Ruksatvaskamdha-A matter with dryness or dried matter
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षत्वस्कंध – रूखेपन से सहित अथवा चिकनाहट से रहित पुद्गल स्कंध। Ruksatvaskamdha-A matter with dryness or dried matter
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञत्व शक्ति – Sarvagyatva Sakti. Power of omniscience. समस्त विश्व के विषेष भावों की जानने रुप से परिणमित ऐसी आत्मज्ञानमयी सर्वज्ञत्व शक्ति है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूधिर – खून, सौधर्म स्वर्ग का दसवां पटल व इन्द्रक। Rudhira- Blood,name of the 10th patal (layer) & Indrak of Saudharma heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरित – Sarit. A region of western videh (region) & a summit of Sukhavah Vakshar (mountain). अपर विदेह का एक क्षेत्र तथा सुखावह वक्षार का एक कूट।
देवताभास A false appearance of deities. देव का आभास देव न होते हुए भी देव जैसा लगना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्तेंद्रिय निरोध A basic restraint of saints (controlling of senses). ,उमियों का एक मूलगुण : ५ इन्द्रियों तथा मन को वश में रखना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथ – प्राचीन काल का प्रसिद्ध वाहन, इसमे हाथी घोडे जोते जाते थे। युद्ध के समय राजा इस पर आरूढ होकर समपरांगण मे जाते थे। वर्तमान में रथ पर भगवान विराजमान करके रथ यात्रा निकाली जाती है। Ratha-Chariot
चारित्रमोह क्षपक The destroyer of conduct deluding Karmas. चारित्र की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]