एकोनविंशति!
एकोनविंशति A number, 19. 19- देशावधि की क्रमिक वृद्धि के 19 काण्डक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकोनविंशति A number, 19. 19- देशावधि की क्रमिक वृद्धि के 19 काण्डक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतन:Decay, decline, An obstacle in saints food (sudden falling down of a saint while taking food). गिरना, च्युत होना, आहार लेते समय यदि साधु मूर्छा आदि आने से गिर पड़ते है तो यह पतन नाम का अंतराय है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूककेवली–Mukakevali. Silent omniscient (having without resonant sound). कोई–कोई केवली उपदेश नहीं देता अर्थात दिव्यध्वनी नहीं खिरती उन्हें एककेवली कहते है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यक्षसम्मोह– Yakshasammoh. A kind of peripatetic deities. पिशाच व्यंतरोका एक प्रकार”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभू छंद – Svatannbgyy Chammda. Name of an apbransh poetics written by poet Svayambhu. कवि स्वंयभू ई0 734-840 कृत 8 अघ्यायो वाला अपभं्रश छंद शास्त्र।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पटदेवी : The chief female deities of Indras. भवनवासी इन्द्रो की देवियाॅं, प्रधान देवी, पटरानी, महिषी ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुंड– Mund. Controlling of sensual organs for following non–violence. 5 इन्द्रियों को वश में करना, 5 इन्द्रिय, वचन, हस्त, पाद, मन और शरीर बिना प्रयोजन काम में ना लेना, यह मुंडन कहलाता है ” इससेअहिंसा का पालन होता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यक्षेत्र – Manushya kshetra. The human world. ढाईद्वीप; इससेबाहरमनुष्यकाजन्मनहींहोताहै ” इसकाविस्तार 45 लाखयोजनहै ” अपरनाम – नरकलोक , मनुष्यलोक, मर्त्यलोक “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वद्रव्यादि ग्राहक द्रव्यार्थिक नय – Svadravyaadi Graahaka Dravyaarthika Naya. A standpoint accepting the real nature of a matter. जो नय स्वद्रव्यादि चतुष्टय की अपेक्षा से द्रव्य का सत् स्वरुप ग्रहण करे।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंजन –Vyainjana. Consonant (33), Delicious food items, symbolic marks on the body or any matter. अव्यक्त शब्ददी (आधी मात्रा वाले अक्षर) के समूह या वचन को व्यंजन कहते हैं, क् ख् ग् आदि अक्षर ” इन व्यंजन को स्वर के साथ संयुक्त करने पर ही इनका उच्चारण होता हैं ” जैसे –…