पाद मुण्ड!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाद मुण्ड :Controlling of feet-activities by Jain Sainth (in samayik etc).जैन मुनियो के दस प्रकार के मुण्डन मे से एक, सामायिक इत्यादि के समय स्वच्छदापूर्वक पगो का संकोच व विस्तार न करना, पगो की क्रियाओ को वश मे रखना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाद मुण्ड :Controlling of feet-activities by Jain Sainth (in samayik etc).जैन मुनियो के दस प्रकार के मुण्डन मे से एक, सामायिक इत्यादि के समय स्वच्छदापूर्वक पगो का संकोच व विस्तार न करना, पगो की क्रियाओ को वश मे रखना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक सम्यग्दृष्टि –VedakaSamyagdrsti One with destructive subsidential right faith क्षयोपशम सम्यक्त्व वाला जीव “
त्रिपृष्ठ One of the past birth of Lord Mahavir who was the first Narayan in the time of Lord Shreyansnath. भगवान महावीर के पूर्व भव में एक भव – श्रेयांसनाथ भगवान के समय में हुआ प्रथम नारायण, जो बाद में महावीर स्वामी हुए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार विचय – Sansaara Vichaya. Contemplation about the transformable nature of the matter, region, time, realm of the life and emotions. द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव एवं भावरूप पंचपरावर्तन के स्वरुप का चिंतन करना “
उदासीन Passive, Indifferent, Neutral. तटस्थ निःस्पृह तत्ववेत्ता जगत के समस्त तत्वों में मैं और मेरेपन का संकल्प न होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदीरक Who is involved in fruitional operations of Karmas. उदीरणा करने वाला ज्ञानावरणीय दर्शनावरणीय और अंतराय इन तीन कर्मोंकी उदीरणा करने वाले (मिथ्यादृष्टि से लेकर क्षीण कषाय पर्यंत) जीव उदीरक कहलाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लंगल – सनत्कुमार स्वर्ग का 5 वां पटल या इन्द्रक, बलभद्र राम का एक हल रत्न। Lamgala-The 5th patal (Layer) of Sanat Kumar heaven, Name of a plough-a jewel of Lord Ram
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल परमात्मा – Sakala Parmaatmaa. The supreme soul with body (devoid of all Karmas). घातिया कर्मों से रहित परमौदारिक शरीर में स्थित अर्हन्त परमात्मा