एक सौ उन्हत्तर!
एक सौ उन्हत्तर A number – 169 (169 super human beings). 169-169 दिव्य पुरूष (महापुरूष ) कहे जाते हैं(तिलोयपण्णत्ति के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक सौ उन्हत्तर A number – 169 (169 super human beings). 169-169 दिव्य पुरूष (महापुरूष ) कहे जाते हैं(तिलोयपण्णत्ति के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वारिषेण – Vaarishena.: The son of king Shrenik who ultimately became deity in the heaven, Name of an Anuttaropapadak in the era of Lord Mahavira. राजा श्रेणिक का पुत्र ,मुनि हो स्वर्ग में देव हुआ ,भगवान महावीर के तीर्थ के एक अनुत्तरोपपादक “
उद्भाव Origination, Production, Appearance. उत्पत्ति सन्तति उत्पादन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुचारणऋद्धि – Vaayuchaarana Riddhi.: A supernatural power related to the walking over air. चारणऋद्धि का एक भेद ; जिसके प्रभाव से मुनि अनेक प्रकार की गति से युक्त होकर प्रदेशों की पंक्ति पर अस्खलित होकर पद विक्षेप करते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावाभिनन्दी – Bhavabhinadi. The welcomer of the worldly existence. सांसारिक अस्तित्व का अभिनन्दन करने वाला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध उपयोग – Shuddha Upayoga. Right conduct or reflections. राग द्वेषादि रहित आत्मा के सन्मुख उपयोग, स्वानुभवरूप भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलसंघात – Pudgalasamghata. Densely aggregation of matters. पुद्गलों का सघन रूप से मिलना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == साहसी : == जाव य ण देन्ति हिययं पुरिसा कज्जाइं ताव विहणंति। अह दिण्णं तिय हिययं गुरुं पि कज्जं परिसमत्तं।। —कुवलयमाला जब तक साहसी पुरुष कार्यों की तरफ अपना ध्यान नहीं देते, तभी तक कार्य पूरे नहीं होते हैं। किन्तु उनके द्वारा कार्यों के प्रति हृदय लगाने से…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दी लब्धि – Vishuddhi Labdhi. Attainment of passionfreeness causing right perception. सम्यक्त्व प्राप्त कराने वाली ५ लब्धियों में एक लब्धि, साता वेदनीय आदि शुभकर्मो के बंध योग्य परिणाम का नाम विशुध्दि है उसकी प्राप्ति होना विशुध्दि –लब्धि है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल अनुभाग – Pudgala Anubhaga. Fruitional power of Karmas (Pudgal). ज्वर आदि रोगों के उत्पन्न करने और विनाश करने का नाम पुद्गलानुभाग है, अर्थात् पुद्गलकर्मों के शुभाशुभ फल देने की शक्ति “