हयग्रीव!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हयग्रीव – भ्ंलंहतपपअंण् छंउम व िजीम 8जी चतमकमेजपदमक च्तंजपदंतंलंदण् भावीकालीन 8वे प्रतिनारायण का नाम।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हयग्रीव – भ्ंलंहतपपअंण् छंउम व िजीम 8जी चतमकमेजपदमक च्तंजपदंतंलंदण् भावीकालीन 8वे प्रतिनारायण का नाम।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंसगर्भ – Hammsagarbha. Name of the 10th city situated in the north of vijayardh mountain. विजयार्ध पर्वत की उत्तर श्रेणी का 10 वां नगर।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परद्रव्य:Alien substance-any substance other than self. आत्म द्रव्य से अन्य समस्त सचित्त एवं अचित्त द्रव्य ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्त्यानुषासत – आचार्य समन्तभद्र कृत सस्कृत में 64 ष्लोक ष्लोक प्रमाण स्तोत्र। Yuktyanusasana- name of a book written by acharya samantbhadraji
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थ – Svaartha. Spiritual upliftment of own soul. प्रोपकार की अपेक्षा न करके स्व-अर्थ अर्थात् आत्मकल्याण करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयविघान – एक पूजा ग्रथ जिस पर पं आषाघर (इ्र, 1173 – 1243) ने सेस्क्रत में टीका लिखी है। Ratnatrayavidhana- Name of a worshipping book
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वात्म रक्षा – Svaatma Raksaa. Self defence, the principle of non-violence. शुद्व भाव या आत्म रक्षा। आगम मे स्व और अन्य प्राणियो की अहिंसा का सिद्वान्त स्वात्म रक्षा के लिये ही है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगेन्दु देव – परमात्मप्रकाष योगसार, अध्यात्मसंदोह दोहापाहुड सुभाशित तं़त्र नौकार श्रावकाचार आदि संस्कृत अपभ्रंष ग्रंथों के रचियता एक दिगम्बराचार्य। समय ई ष – 6 Yogemdu Deva-Name of a great digambar, Acharya saint
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांवत्सरिक प्रतिक्रमण – Saamvatsarika Pratikramana. A type of repentance carried on annually by jain saints. प्रतिक्रमण के 7 भेदो मे छठा भेद । देखे- वार्षिक प्रतिक्रमण।