प्रबंधनकाल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रबंधनकाल- बंधते अर्थात एकत्व को प्राप्त होते हैं जिसमें उसे प्रबंधन कहते हैं प्रबंधन प्रबन्णन रुप जो काल है ह प्रबन्णनकाल कहलाता है। prabamdhanakala – period of organisation (organising)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रबंधनकाल- बंधते अर्थात एकत्व को प्राप्त होते हैं जिसमें उसे प्रबंधन कहते हैं प्रबंधन प्रबन्णन रुप जो काल है ह प्रबन्णनकाल कहलाता है। prabamdhanakala – period of organisation (organising)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संहनन नामकर्म – Sanhanana Naamakarma. Physique making Karmic nature causing joints of bones in the body (of 6 kinds- strong, weak etc.). जिस कर्म के उदय से हड्डियों का बंधन विशेष होता है ” वज्रऋषभनाराच, वज्रनाराच, नाराच, अर्धनाराच, कीलक और असंप्राप्तसृपाटिका ये संहनन के 6 भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचनसार टीका- प्रवचनसार ग्रंथ पर 1. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. 905-955) कृत एक संस्कृत टीका “तवप्रदीपिका”, 2. आचार्य जयसेन ( ई. 11-12 अथवा 12-13) कृत “तात्पर्यवृŸिा” संस्कृत टीका। PravacanasaraTika- A commentary book on ‘Pravachanasar’ written by acharyaAmritchandra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूप्यमाशफल – तौल का प्रमाण विषंेश। Rupyamasaphala-A weighing unit
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पदक्षिणा वर्त- बाई ओर से दांई ओर घूमना, श्रद्धापूर्ण अभिवादन जो इस प्रका प्रदक्षिण द्वारा किया जाये। pradaksina varta – taking round of circumambulation.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूप्यकूला – जम्बूद्वीप व हैरण्यवत क्षेत्र में प्रवाहित एक महानदी। यह रूक्मि पर्वत के महापुएिडरिक दह से निकलती है। Rupyakula-Name of a great river which flows in Hairanyavat region of jambudvip (island)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमोद- मुख की प्रसन्नता आदि के द्वारा भीतर की भक्ति और अनुराग का व्यक्तहोना। यतियों के गुधें का विखर करके उनके गुधें में हर्श मानना यह प्रमोद भावना का लक्षण है। Pramoda- Joy, pleasure, delight
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोचक शैल – भद्रषाल वन में स्थित एक दिग्गजेन्द्र पर्वत। Rocaka saila-name of a mountain in Bhadrashal forest
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञ– Yagya. A sacred ritual activity, sacrificial rite or fire. विशेष विधी सहित की जाने वाली एक धार्मिक क्रिया; देव और ऋषियों की पूजा करना” हवन, पूजा, सपर्या, इज्या, अध्वर, मह आदि इसके अपरनाम है”