ईर्यापथकर्म!
ईर्यापथकर्म Flow of non – binding Karmas. योग से जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बंध नहीं होता अगले भव में बिना फल दिये ही झड़ जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईर्यापथकर्म Flow of non – binding Karmas. योग से जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बंध नहीं होता अगले भव में बिना फल दिये ही झड़ जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पप्रकिर्णक विमान – Puspaprakirnaka Vimana. A type of heavenly abodes (scattered). विमान का एक भेद; श्रेणीबध्द विमानों के अन्तराल में बिखरे हुए पुष्पों की भांति पंक्ति रहित इधर उधर बिखरे हुए देव विमान “
देवविमान Space vehicles of deities. देवों के विमान, तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में 13 वां स्वप्न जिसका फल यह होता है कि उत्पन्न होने वाला ‘जीव स्वर्ग से अवतीर्ण होगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषप्रभ – Purusaprabha. A type of Kimpurusha peripatetic deities. किंपुरुष व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखस्थ कमल–Mukhast Kamal. A type of meditation, to establish ‘Saa’ (a mystic word) into the mouth. पदस्थ धयन की प्रक्रिया के अंतर्गत एक क्रिया, मुख स्तिथि कमल जहा पंचाक्षरी मन्त्र (असिआउसा) के‘सा’ को स्थापित किआ जाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुराणसार – Puranasara. A book written by Acharya Shrichandra. आचार्य श्रीचन्द्र (ई. १४९८-१५१८) द्वारा रचित ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रचाला प्रचाला – Prachalaa Prachalaa. Deep drowsiness (Karmic nature causing deep drowsiness). दर्शनावरण कर्म का एक भेद; जिसके उदय से सोते हुए मुख से लार बहती है और अंगोपांग भी चलते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्य महाव्रत – Satya Mahaavrata. Great vow of true speech (right speaking according to text). राग द्वेष या मोह से प्रेरित जैन साधुओं द्वारा सब प्रकार के झूठ वचनों का त्याग करना और आगम के अनुरूप बोलना सत्य महाव्रत है “
चक्रवाल व्रत Name of a vow to be observed with particular procedure at different Nakshatra days related to their respective lunar months. For eg. observing vow at the day of Chitra Nakshatra in the month of Chaitra. प्रत्येक मास से सम्बंधित नक्षत्र में अयह व्रत ३ वर्ष ३ माह तक किया जाता है जैसे -चैत्रमास…