बीथी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीथी – Bithi Tract, Orbit. गली, मार्ग “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर –Vira Warrior, Brave, One of the 5 names of Lord Mahavira पराक्रमी, वीरता प्रकट करना, भगवन महावीर के ५ नामों में एक नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पनसा:A river of Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरत क्षेत्र स्थित आर्यखण्ड की एक नदी ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सद्भाव : == किं तेणावि घडिज्जइ जो न हु सब्भावरसनिसित्तो वि। पुरिसो य पुहइिंपगे व मिज्जिओ अप्पमप्पेइ। —गाहारयणकोष : ६५ जो सद्भाव के रस से अभिसिंचित नहीं है, उसके जन्म से क्या लाभ ? पुरुष तो पृथ्वी के िंपड जैसा होता है जो पानी से भीजकर अपने आपको…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव त्रिभंगी – Bhava Tribhamgi. Name of a book. औपशमिकादि भाव विषयक एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंगविधि – Bhamgavidhi. A particular method for obtaining knowledge of something, synonym word for shrutgvan (scrip- tural knowledge). अहिंसा, सत्य, अस्तेय, शील आदि भंग का जिसके द्वारा विधान किया जाता है उसे भंगविधि अर्थात् श्रुतज्ञान कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शौच : == समसंतोसजलेणं जो धोवदि तिव्व—लोहमल—पुंजं। भोयण—गिद्धि—विहीणो, तस्स सउच्चं हवे विमलं।। —समणसुत्त : १०० समता और संतोष के जल से जो तीव्र लोभ के मल—पुंज को धाया करता है, भोजन की लालसा से जो विहीन हुआ करता है, वह पवित्र शौच धर्म से संपन्न होता है।
एकांतानुवृद्धि योगस्थान A vibratory activity in complete development of body in womb. नवीन शरीर धारण के दूसरे समय से लेकर एक समय कम शरीर पर्याप्ति के अन्तर्मुहूर्त समय तक जो योगस्थान हों।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भदंत – Bhadamta. Respectful word for addressing great ascetics. जो सब कल्याणों को प्राप्त हों वह भदन्त हैं , साधु का अपरनाम “