प्रक्रम!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्रम – Prakrama. Sequence, A type of Karmic matter, a type of Anuyogdvar. क्रमबध्द, कार्माण पुद्ग्ल प्रचय को प्रक्रम कहते हैं, अग्रायणीयपूर्व की कर्मप्रक्रति वस्तु का ८ वां अनुयोग्द्वार “
उदयगुणश्रेणी आयाम Rising geometric progression length (reg. specific karmic aggregate). उदय रूप निषेको में गुणकार क्रम से आकर्षित द्रव्या दिया जाता है उन निषेकों की संख्याt प्रमाण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आराधना संग्रह A book written by ‘Acharya Padmanandi’. आचार्य पद्मनन्दि द्वारा रचित एक ग्रन्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिसूत्र –Vrttisutra. Briefing of some principle etc. जिसमे संक्षिप्त शब्दों में या सूत्र के समस्त अर्थ को संग्रहीत कर लिया जाता हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनिदेव–Munidev. The chief disciple of Lord Adinath. भगवान् आदिनाथ के गणधरो का नाम”
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वासना – Vaasanaa.: Passion,Passionate feelings. संस्कार, अविद्या ,अज्ञान, कषाय आदि की पुनः पुनः प्रवृत्ति रूप अभ्यास से उत्पन्न संस्कार वासना कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुशर्मा – Vaayusharmaa.: Name of the 10th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान ऋषभदेव के 10वें गणधर “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरुषेणा–Merushena. Name of main Aryika (Ganini) in the assembly of Lord Abhinandan–nath. तीर्थंकर अभिनन्दननाथ के संघ की 3 लाख 30 हजार 6 सौ आर्यिकाओ में प्रधान (गणिनी) आर्यिका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध द्रव्य व्यंजनपर्याय नैगमनय – Shuddha Dravya Vyanjana Paryaaya Naigamanaya. A standpoint related to distinct & indistinct description of a pure matter (Pudgal) & one of its Vyjana paryaya. शुद्धद्रव्य व उसकी किसी एक व्यंजनपर्याय को गौण-मुख्यरूप से विषय करने वाला नय “