प्रतितंत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतितंत्र – Pratitantra. Ambiguous meaning (indistinct). एक शास्त्र में सिद्ध और दूसरे शास्त्र में असिद्ध अर्थ प्रतितंत्र कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतितंत्र – Pratitantra. Ambiguous meaning (indistinct). एक शास्त्र में सिद्ध और दूसरे शास्त्र में असिद्ध अर्थ प्रतितंत्र कहलाता है “
देव ऋद्धि Eight types of supernatural powers (attainments) of deities. देवों की 8 प्रकार की ऋद्धियाँ-अणिमा, महिमा , लघिमा, गरिमा, आदि जिनके निमित्त से वे नाना प्रकार के रूप आदि बनाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दुर्गंधा A girl, having bad smelling body. दुर्गंन्धित शरीर प्राप्त एक कन्या, जिसे पूर्वभव में दिगम्बर मुनिराज को कडुवी तुमडी का आहार देने के पाप से यह दशा प्राप्त हुई थी । पुनः सुगंधदश्मी व्रत कथा में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्कल – Puskala. An area of the eastern Videh (region), Name of a summit & its protecting deity of Ekashail Vakshar situated in the eastern Videh (region). पूर्व विदेह का एक क्षेत्र, पूर्व विदेह स्थित एकशैल वक्षार का एक कूट एवं उसका रक्षक देव “
दुराग्रही श्रोता Wrong pursuer (a type of obstinate listener). अनुचित आग्रह करने वाला हठी श्रोता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषपुंडरीक – Purusapumdarika. Name of the main listener in the Samavsharan of Lord Anantnath, Name of the 6th Narayan. भगवान अनन्तनाथ के समवसरण में मुख्य श्रोता का नाम, छठे नारायण का नाम “
दिगम्बर मुद्रा Nackedness, natural image. दिगम्बरपने को दिखाने वाली मूर्ति या मुनि का वेश ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणिधान – Pranidhaana. Concentrating the mind on particular object. स्मरण की इच्छा से मन को एक स्थान में लगाने का ‘नाम’ प्रणिधान है ” परिणाम, प्रयोग व प्रणिधान ये एकार्थवाची शब्द है “