आमर्शन!
आमर्शन To touch any part of body. शरीर के किसी एक भाग को स्पर्श करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आमर्शन To touch any part of body. शरीर के किसी एक भाग को स्पर्श करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निदान-भोगों की तृष्णा से पीडित होकर रातदिन आगामी भोगों को प्राप्त करने की ही चिन्ता करते रहना निदानज नामक आर्त्तध्यान है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिण – Harina. The deer, significant symbol of the 16th Tirthankar (Jaina Lord) Shantinath. The symbolic mark of the third Tirthankar of Videh kshetra (region). 16 वे तीर्थकर शन्तिनाथ का चिन्ह, विदेह क्षेत्रस्थ तीसरे तीर्थकर बाहु का चिन्ह।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हनुरुह द्वीप – Hanuruuha Dviipa. Name of an island related to which the name of Hanuman was given. एक द्वीप। यहाॅ हनुमान की माता अंजना के मामा प्रतिसूर्य का राज्य था। हनुमान का यहाॅ जन्म संस्कार हुआ था, इसलिये इस द्वीप के नाम पर उनका हनुमान नामकरण हुआ था।
दन्डशूक A typical weapon. फणयुक्त एक शस्त्र, इसका गरूडास्त्र से निवारण किया जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]ह – Ha. The thirty-third consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का तैतीसवाॅ व्यंजन, इनका उच्चारण स्थान कण्ठ है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परदातृव्यपदेश:An infraction of vow of hospitality to donate indirectly and deceitfully.अतिथिसंविभाग व्रत का एक अतिचार पात्र को स्वयं दान न कर दूसरे से कहकर दिलवाना या दूसरे की वस्तु लाकर देना।
आहार वर्गणा Physique making Karmic nature causing complete formation of the body. देखें-आहारक वर्गणा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक शक्ति – ैअंइींअपां ैंाजपण् छंजनतंस चवूमत वत ेजतमदहजी पद जीम दंजनतम व िउंजजमतण् द्रव्य के स्वभावो मे स्वाभाविकी शक्ति होती है। देखे- स्वाभाविक क्रिया।