धृतिदेवी!
धृतिदेवी A female presiding deity of Tiginchha pond (Sarovar) and Dhrati summit situated at Nishadh mountain. निषध पर्वत पर स्थित तिगिंछ ह्रद व धृतिकूट की स्वामिनी देवी।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धृतिदेवी A female presiding deity of Tiginchha pond (Sarovar) and Dhrati summit situated at Nishadh mountain. निषध पर्वत पर स्थित तिगिंछ ह्रद व धृतिकूट की स्वामिनी देवी।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेश्या –Vesya Prostitute, immoral woman. गणिका, बाजारू या व्यभिचारिणी स्त्री “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर भाव – Sthira Bhaava. Stable emotions or temperaments, stability of mental state.चित्त को निश्चल रखना अर्थात् आत्मस्थिरता या समता भाव, सामायिक।
धृत A king of Kuru dynasty, Name of a summit of Nishadh mountain and its deity. कुरूवंश का एक राजा, निषध पर्वत का एक कूट व उसका देव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति क्षय -Sthitiksaya. Destruction of Karmic statesकर्मों की स्थिति का धात होना।
धाराचारण ऋद्धि A type of super natural power (violenceless movement). चारण ऋद्धि का एक भेद; जिसके प्रभाव से मुनि मेघों से छोड़ी गयर जलधाराओं में स्थित जीवों को पीड़ा न पहुंचाकर उनके ऊपर से जाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चैत्यद्रुम A type of divinely trees having idols of Lord Arihant in Samavasaran. चैत्यवृक्ष , जो समवशरण एवं देवों के भवन के अकृत्रिम मंदिरों में होते हैं , इनके मूलभाग में जिनप्रतिमाएं विराजमान रहती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांग – Sthaanaamga. A part of scriptural knowledge (Dvadshang shrut).द्वादषंग श्रुत स्कंध का तीसरा अंग। इसमे 42000 पदो मे जीव के 10 स्थानो का वर्णन है।
धवला टीका A book written by Acharya Virsen. आचार्य भूतबलि (ई. 136-156) कृत षट्खण्डागम ग्रंथ के प्रथम 5 खण्डों पर आचार्य वीरसेन स्वामी (ई. 816) द्वारा लिखित विस्तृत टीका। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]