रस निरपेक्ष आहार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस निरपक्ष आहार – नीरस आहार, रसयुक्त अर्थात स्वादिश्ट भोजन आदि की अभिलाशा न करना। Rasa Nirapeksa (Ahara)-Devoid of the desire of tasty food
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस निरपक्ष आहार – नीरस आहार, रसयुक्त अर्थात स्वादिश्ट भोजन आदि की अभिलाशा न करना। Rasa Nirapeksa (Ahara)-Devoid of the desire of tasty food
ऋ The seventh vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का सातवां स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोनंदी – नन्दीसंघ बलात्कर गण में यष कीर्ति ई 231 – 299 के षिश्य व देवनंदी के गुरू ई 289 – 336। Yasonamdi-Name of an Acharya of nandi Group
एकजीव-एक अजीव कर्म Karma related to soul and non soul matters. जीव के उपयोग स्वरूप – द्वेषादिक जीव कर्म, कार्मण स्कंधों की अवस्था अजीव कर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देववंदना Trikal (three times a day) Samayik (act of procedural adoration to Lord Arihant). त्रैकालिक सामायिक में विधिपूर्वक चैत्य व पंचगुरूभक्ति सहित वंदना करने को देववंदना कहते हैं । श्री वसुनंदि आचार्य की मुलाचार टीका के अनुसार , ‘‘सामाइय’’ नाम भवति। जीवितमरणलाभसंयोगविप्रयोग बन्ध्वरिसुखदुःखादिषु यदेतत्समत्वं समानपरिणामः त्रिकालदेववंदनाकरणं च तत्सामायिकं व्रतं भवति।’’ अर्थात् ‘‘ जीवन-मरण, लाभ –…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावगाढरूचि दर्शनार्थ :A type of Aryas-noble persons.अनृद्वि प्राप्त आर्य का एक भेद । परमावधि या केवलज्ञान दर्षन से प्रकाशित जीवादि पदार्थ विषयक प्रकाश से जिनकी आत्मा विषुद्व है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूति – अभिरूचि, प्रेम, तत्वार्थ के विशय में तन्मयपना। Ruci-Interest, devotion, spiritual, Attachment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन – Saadhana. Means, resource. कार्य आदि के सम्पादन मं नित्तिभूत क्रिया, हेतु, उपाय आदि साधन कहलाते है। मरण समय आहार व मन वचन काय के व्यापार का त्याग करके आत्म शुद्धि करना साधन है।
ऋषि Name of the first Tirthankara (Jaina-Lord) Rishabhadev. ब्रह्मर्षि देवर्षि परमर्षि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]