वचन प्रत्याख्यान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन प्रत्याख्यान – Vachan Pratyaakhyaana.: Utterance for not repeating something wrong. प्रत्याख्यान (त्याग) का एक भेद; में भविष्य में अपने व्रतों में अतिचार नहीं लगाऊंगा ऐसा बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन प्रत्याख्यान – Vachan Pratyaakhyaana.: Utterance for not repeating something wrong. प्रत्याख्यान (त्याग) का एक भेद; में भविष्य में अपने व्रतों में अतिचार नहीं लगाऊंगा ऐसा बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्प्राण – Nishpraana. Lifeless. निर्जीव अर्थात् जिसमें प्राण न हो “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवान्तर – Bhavantara. Change of life (destinity), Transmigration. जीव का अन्य भव या जन्म में जाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्ता –Vaktaa: Orator , Speaker , Instructor ,One well –versed in scriptures . शास्त्रों का व्याख्याता ;सर्वज्ञ तीर्थंकर केवली .श्रुतकेवली और आरातीय आचार्य वक्ता के तीन भेद हैं ” सामान्य रूप से किसी भी भाषण करने वाले को भी वक्ता कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुवनकीर्ति – Bhuvanakirti. Disciple of Acharya Sakalkirti and preceptor of Gyanbhushan. नन्दिसंघ बलात्कार गण में आचार्य सकलकीर्ति के शिष्य व ज्ञानभूषण के गुरु (ई. १४४२-१४६८) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वंदनमाला –Vandanmaalaa.: An auspicious article,garland of flowers(to be hung at a door). लौकिक मंगलों में एक मंगल :24 तीर्थंकर वन्दनीय होते हैं ,इसलिए भरत चक्रवर्ती ने 24 कलियों वाली वंदनमाला मुख्य दरवाजे पर लगवाई थी “वर्तमान में भी मंदिरों के दरवाजों पर वंदनमाला लगाने की परम्परा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषेध – Nishedha. Negation, negative element, prevention. प्रतिषेध, रोकना, प्रतिषेधक नियम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषण्ण निषण्ण व्युत्सर्ग – Nishnna Nishnna vyutsarga. A type of bad meditative relaxation. कायोत्सर्गका एक भेद; बैठकर अशुभ ध्यान करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुदग–Mudag. Moong, a variety of pulse. मूंग, एक प्रकार का अन्न”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिक्षक – Shikshaka. Teacher, Religious preceptor-saints. गुरु, श्रुताभ्यास कराने वाले मुनि “