बाह्य नास्तिक्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य नास्तिक्य – Bahaya Nastikya. Those who believe in the philosophy of atheism. नास्तिक्य का एक भेद; द्रष्ट, घट आदि ही सत है इनसे अतिरिक्त जीव , अजीवादी तत्त्व कुछ नहीं है ऐसी एकांत मान्यता मानने वाले “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य नास्तिक्य – Bahaya Nastikya. Those who believe in the philosophy of atheism. नास्तिक्य का एक भेद; द्रष्ट, घट आदि ही सत है इनसे अतिरिक्त जीव , अजीवादी तत्त्व कुछ नहीं है ऐसी एकांत मान्यता मानने वाले “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैॠत्य – Nairtya. Name of a direction, a guardian deity, a ruling deity of a lunar. दिशा; पश्चिम दक्षिणी कोणवाली विदिशा, लोकपाल देवों का एक भेद, एक नक्षत्र ‘मूल’ के अधिपति देवता का नाम “
दोष Faults. त्रुटि , कमी, रागद्वेष आदि 18 दोष; अरिहंट परमात्मा इनसे रहित होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रघोष – Vajraghosh. One who was soul of Lord Parshvanath & became an elephant after killed by Kamath. तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जीव जो कामथ द्वारा मारा जाने पर सलल्की वन में वज्रघोष हाथी हुआ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिचंद्र – Nemichandra. Name of a great Aacharya, the writer of Gommatsar etc.great books of Jainism. सिद्धांत चक्रवर्ती; गोम्माटसार, त्रिलोकसार, लब्धिसार, द्रव्यसंग्रह आदि के कर्ता आचार्य, चामुंडरायके गुरु ” समय-ई.श.10-11 “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्पुरुष : == दट्ठूण अण्णदोसं, सप्पुरिसो लज्जिओ सयं होइ। —भगवती आराधना : ३७२ सत्पुरुष दूसरे के दोष देखकर स्वयं में लज्जा का अनुभव करता है। (वह कभी उन्हें अपने मुंह से नहीं कह पाता)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिशुपाल – Shishupaala. Name of a famous king who was killed by Krishna according to jaina scriptures. राजा मेषज एवं रानी मद्री का पुत्र, इसके तीन नेत्र थे ” किसी निमित्तज्ञानी ने बताया था कि जिसके देखने से इसका तीसरा नेत्र नष्ट होगा वही इसका हन्ता होगा ” माता-पिता उसे एक बार कृष्ण के…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाग – Bhaga. Division, a fraction, a section. अंश, पर्याय, भेद, विधा , भाग सब एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूति – Bhuti. Name of the 24th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान वृषभदेव के ८४ गणधरों में २४ वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना टीका – Bhagavati Aradhana Tika. A commentary book on Bhagavati Aradhana written by Pandit Ashadharji. पं. आशाधर (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित एक टीका “