त्रिदोष!
त्रिदोष Three thorns as obstacle in the path of salvation. तीन शल्य, मिथ्या, माया, निदान जो व्रती से नहीं होना चाहिए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिदोष Three thorns as obstacle in the path of salvation. तीन शल्य, मिथ्या, माया, निदान जो व्रती से नहीं होना चाहिए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरत्रिक – Sahreeratrika. A triplet related to body. औदारिक, वैक्रियिक, आहारक शरीर “
दुर्गाटवी A hermitage on the mountain. पर्वत के ऊपर वसती। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिग् विरति A vow of restriction pertaining to movement in particular direction. दशों दिशाओं में गमनागमन की मर्यादा करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दानवीर्य The main interrogator in the assembly of Lord Suparshvanath. सुपाश्र्वनाथ भगवान के समवसरण के मुख्य श्रोता (प्रश्नकर्ता) का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दश भक्ति The collection of different particular devotional prayers. प्राकृतभाषा की सिद्धभक्ति , श्रुतभक्ति, चारित्रभक्ति , योगभक्ति , आचार्यभक्ति , वर्तमान में उपलब्ध ये आठ भक्तियाँ ही आचार्य श्री कुन्दकुन्द स्वामी द्वारा रचित ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं । संस्कृत की चैत्यभक्ति एंव समाधिभक्ति ये 11 भक्तियाँ ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में पूज्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्यतो द्रष्ट – Saamaanyato Drashta. General anticipation or apprehension for something. स्वार्थानुमान के तीन भेदों में एक भेद । जो सामान्य रूप से लिंग को देखकर लिंगी का अनुमान किया जाता है वह सामान्यतो दृष्ट है।