हरिदवे (कवि)!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिदवे (कवि) – Harideva (Kavi). Name of an Apabhransh poet, the writer of ‘Mayanparajaya Cariu’. चंगदेव की सप्तम पीढ़ी मे उत्पन्न, मयणपराजय चरिउ के रचयिता एक सद्गृहस्थ अपभं्रष कवि।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिदवे (कवि) – Harideva (Kavi). Name of an Apabhransh poet, the writer of ‘Mayanparajaya Cariu’. चंगदेव की सप्तम पीढ़ी मे उत्पन्न, मयणपराजय चरिउ के रचयिता एक सद्गृहस्थ अपभं्रष कवि।
दर्शन विनय Reverence to right faith. सम्यग्दर्शन के अंगों का पालन , भक्ति पूजा आदि गुणों को धारण तथा शंका आदि दोषों के त्याग को सम्यक्त्व विनय या दर्शन विनय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरि क्षेत्र – Hari Ksetra. Name of the third region of Jambudvip (island) among all 7. जम्बूद्वीप के 7 क्षेत्रो मे तीसरा क्षेत्र, यहाॅ मध्यम भोगभूमि है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोष – क्रोधी पुरूश का तीव्र परिणाम, कोप। Rosa-Anger, rage, Indignation
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपक्ष दूषक:Blaming the opponent end.विरीत पक्ष की अवमानना करने वाला हेतु स्वपक्ष का साधक और परपक्ष का दूषक होना चाहिए ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग परिहार – परद्रव्यों के प्रति मोहभाव को छाडना, उदानसीता। Raga parihara- Avoidance of attachment, Non-attachment
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वास्थ्य – Svaasthya. A sound state of body, health. आरोग्य, मानसिक शांित। सांम्य, समाधि, योग, चित्तनिरोध, शुद्वोपयोग, स्वास्थ्य ये सब एकार्थवाची है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमणानुपस्थापन:A type of punishment ; procedural expulsion of a faulty saint without giving repentance. परिहार प्रायश्चित, आचार्य द्वारा अपने संघ के किसी दोषी साधु को बिना प्रायश्चित दिये अन्य संघ के आचार्य के समीप भेजना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व – Prakrti Sattva. Attachment of karmas with soul. अपनी स्थिति के अनुसार कर्म प्रक्रति के कर्म प्रदेशों का आत्मा प्रदेशों के साथ संलग्न रहना “