उच्चपद!
उच्चपद The supreme place i.e. place of salvation. उच्च स्थान मोक्ष ही उच्च पद है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उच्चपद The supreme place i.e. place of salvation. उच्च स्थान मोक्ष ही उच्च पद है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाती मनःपर्यय – Pratipaatee Manahparyaya. Counter falling Manah Paryaya gyan (telepathic knowledge). ऋजुमुनि मनःपर्ययज्ञान; यह होकर छूट भी जाता है इसलिए प्रतिपाती कहा गया है “
ईहावरणीय कर्म An obscurring karma of keen desire or curiosity. जिज्ञासा एंव इच्छाओं को रोकने वाला कर्म जिसके तीव्र क्षयोपशम से पदानुसारी बुद्धि प्राप्त होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघाती – Pratighaatee. Repulsing, Opposing & Adversary. व्याघात करने वाला “
आरोप Allegation, Accusation, Blame. दोष लगाना अध्यारोपण एक वस्तु के गुणों को दूसरी वस्तु में आरोपित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतरसमुदघात – Pratarasamudghaata. A type of area extrication (Samudghat). समुदघात का एक भेद; केवली भगवान् के जीवप्रदेशों का वातवलय से रुके हुए क्षेत्र को छोड़कर सम्पूर्ण लोक में व्याप्त होने का नाम प्रतरसमुदघात है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंत पुराण – Puspadamta Purana. A book written by Acharya Gunvarma. आचार्य गुणवर्म (ई. १२३०) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्करद्वीप सिध्द – Puskaradvipa Siddha. Beings getting salvation from Pushkarardhadvip (island). पुष्करार्ध द्वीप से सिध्द होने वाले जीव (संख्यात) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुरवा – Pururava. Name of a tribal persone who was the soul of Lord Mahavira in the past 34th birth. एक भील जो की महावीर भगवान का दूरवर्ती- ३४वा पूर्वभव है, जब उसने एक दिगम्बर मुनिराज से मघ, मांस, मधु त्याग का नियम ग्रहण किया था “
गणधर Chief disciple (Gandhar) of Teerthankar (Jaina lord). तीर्थंकर के प्रमुख शिष्य इनके अन्य नाम गणी, गणीश ,गणपति ,गणेश आदि भी हैं। ये समस्त श्रुत के पारगामी, सातों ऋद्धियों के धारक, मुनियों के स्वामी एवं चार ज्ञानधारी होते हैं। [[महावीर स्वामी के गणधर]] [[श्रेणी:शब्दकोष]]