योगनिद्रा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिद्रा – संसारी जीव जिसमे जागता है उस दषा में यागी का रात मानकर साना अथवा अल्पकाल मे साधुओ का षरीरश्रम को दून करने के लिए निद्रा लेना। Yoganidra-A kind of meditatory sleep
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिद्रा – संसारी जीव जिसमे जागता है उस दषा में यागी का रात मानकर साना अथवा अल्पकाल मे साधुओ का षरीरश्रम को दून करने के लिए निद्रा लेना। Yoganidra-A kind of meditatory sleep
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पगंधी – Puspagamdhi. Name of the chief female divinity of peripatetic Indra Atikay. महोरग जाति के व्यंतरो के इन्द्र अतिकाय की वल्लभिका देवी “
उदीरणा व्युच्छित्ति Lack of fruition of karmas. जिन कर्मों की उदीरणा किसी गुणस्थान तक हो आग न हो उदीरणा का अभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषार्थसिध्दयुपाय – Purusarthasiddhayupaya. A book written by Acharya Amritchandra. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. ९०५-९५५) द्वारा रचित एक श्रावकाचार एवं अहिंसा की विशेष व्याख्या करने वाला संस्कृत ग्रंथ, यह श्रावक एवं साधुओं द्वारा अवश्य पठनीय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपाचल – विजयार्द्ध पर्वत। Rupacala-Another name of Vijayardh Mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरालेख – Puralekha. Epigraphy; an archive, the study of inscriptions. शिलालेख विघा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणय – Pranaya. Love, loving entearty. ब्राह्य पदार्थों में ममत्वरूप भाव का होना ” प्रेम, स्नेह, घनिष्ठता “
आरोहक-अवरोहक Ascender & descender. चढ़ने-उतरने वाला उपशम श्रेणी पर चढ़ने वाले को आरोहक तथा उतरने वाले को अवरोहक कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्न कर्त्ता कर्म – Bhinna Kartta Karma. A relation between doer and done work. व्यावहारिक द्रष्टि से कर्ता – कर्म भिन्न हैं किन्तु निश्चय से वस्तु विचार करने पर कर्ता- कर्म अभिन्न हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रागांश – Ragamsa Partial Attachment राग का अंश मात्र \ यह भी कर्म बंध का कारण है ” यह दशवे गुढ़इस्थान तक होता है