निषद्या परिषय जय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्या परिषय जय – Nishadyaa Parishaha Jaya. To endure the afflictions caused by the postures of meditation. तपस्या काल में एक आसन से स्थिर रहने से उत्पन्न वेदना-उपसर्ग आदि को सहन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्या परिषय जय – Nishadyaa Parishaha Jaya. To endure the afflictions caused by the postures of meditation. तपस्या काल में एक आसन से स्थिर रहने से उत्पन्न वेदना-उपसर्ग आदि को सहन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय सम्यदर्शन – Nishchaya Samyagdarshana. Absolute perception or belief. पर द्रव्यों से भिन्न आत्मा में रूचि – श्रद्धान होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन – Shaasana. Regime, Discipline, Rules. अनुशासन, आज्ञा जिसके द्वारा समस्त जीवजीवादिक पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है ” वर्तमान में भगवान महावीर का शासन काल चल रहा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय ब्रह्मचर्य – Nishchaya Brahmacharya. Absolute engrossment into own soul. ब्रह्म शब्द का अर्थ निर्मल ज्ञान स्वरूप आत्मा है, मुनि अवस्था में उस आत्मा में लीन होना निश्चय –ब्रह्मचर्य है “
उत्साह Earnestness, Enthusiasm, Name of the 15th Tirthankar (Jaina-Lord) of past era. उमंग इच्छा भूतकालीन 15 वें तीर्थंकर (उत्साहनाथ)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयगुप्ती – Nishchayagupti. Absolute purety of soul (with mind, speech & body). मुनि अवस्था में सहज शुद्ध आत्मा-भावनारूप गुप्त स्थान में संसार के कारणभूत रागादि के भय से अपने को छिपाना अर्थात् मन वचन काय की रागादि प्रवृत्तियों से निवृत्त होना”
इहलोकाशंसा प्रयोग Desire to become a king etc. related to this world. इस लोक से संबंधित आकांक्षा होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपासकाध्ययन A type of scriptural knowledge (Shrutgyan). द्रव्यश्रुतज्ञान का सातवाँ अंक जिसमें श्रावक धर्म का विशेष विवेचन किया गया है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]