धर्मरत्नाकर!
धर्मरत्नाकर A book written by Acharya Jaisen. आचार्य जयसेन (ई. 998) कृत सप्ततत्वद निरूपक एक संस्कृत श्लोकबद्ध श्रावकाचार। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मरत्नाकर A book written by Acharya Jaisen. आचार्य जयसेन (ई. 998) कृत सप्ततत्वद निरूपक एक संस्कृत श्लोकबद्ध श्रावकाचार। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेद पक्ष:Acceptance of something with alternative viewpoints. द्रव्य को गुण व पर्याय की अपेक्षा ग्रहण करना “
धर्मपरीक्षा A book written by Acharya Amitgati. आचार्य अमितगति द्वारा वि. 1070 में रचित एक ग्रंथ या कथानक। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषभसेन – Vrsabhasena. The younger brother of Bharat Chakravarti, who became first chief disciple of Lord Rishabhdev.Name of a king of Rajgrahi city. भरत चक्रवर्ती के छोटे भाई जो की पुरिमतालपुर के राजा थे ये भगवन ॠषभदेव के प्रथम गणधर बने राजगृही के एक राजा का नाम जिन्होने तीर्थकर मुनिसुव्रत को आहार…
धर्म(स्वभाव) The real nature of an element. वस्तु का स्वभाव ही धर्म है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाकाल उदय–Yathakala udaya Fruition of karmic nature on maturity. स्तिथिपूर्ण होने पर समय पर कर्मो का उदय में आना “
धनवन्तरि The semi god of health. स्वास्थ्य के देवता, मेरूदत्त सेठ के आयुर्वेदिक परामर्शदाता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऐहिक फलानपेक्षा Quality of selfless donation. दाता का पहला गुण-दान देने पर लौकिक फल की इच्छा न करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धनद कलश व्रत A vow of worshipping Lord Arihant with all 8 auspicious Dravyas (articles). व्रत भाद्रपद कृ. 1 से 15 तक पूरे महीने प्रतिदिन चन्दनादि मंगलद्रव्ययुक्त कलशों से जिनभगवान् का अभिषेक व पूजन करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति काल – Bhasha Paryaptikala. Period of vocal completion. भाषा पर्याप्ति पूर्ण होने पर जितने समय तक मन पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक भाषा पर्याप्ति काल कहलाता है “