पनस!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पनस:Indian bread-fruit tree or Jack-tree.कटहल ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य त्याग – Bahya Tyaga. To renounce all attachments (external materi- als). समस्त बाह्य परिग्रहो (धन धान्यादी ) का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == साधक : == बाह्यमूघ्र्वमादाय, नावमाकांक्षेत् कदाचित् अपि। पूर्वकर्मक्षयार्थाय, इमं देहं समुद्धरेत्।। —समणसुत्त : ५६८ ऊध्र्व अर्थात् मुक्ति का लक्ष्य रखने वाला साधक कभी भी बाह्य विषयों की आकांक्षा न रखे। पूर्वकर्मों का क्षय करने के लिए ही इस शरीर को धारण करे। चरेत्पदानि परिशंकमान:, यत्कििंचत्पाशमिह मन्यमान:। लाभान्तरे जीवितं…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणत (देव)- कल्पवासी देवों का एक भेद। Pranata (Deva)- A type of heavenly deities
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकुमुदचन्द्रिका – Bhavyakumudachandrika. Name of a treatise written by Pandit Ashadhar. पं. आशाधर (ई. ११७३- १२४३) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिर्यान क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; जन्म के 3/4 महीने पश्चात् बालक को प्रसूतिगृह से बाहर लाना एवं यथाशक्ति कुछ भेंट आदि देना। Bahiryana Kriya- A type of auspicious activity, presenting some articles on the birth celebration of a newly born child
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्ममाल: Name of the 23rd Patal (layer)and its Indrak of saudharma heaven, A kind of Kuru dynasty. सौधर्म स्वर्ग के 23 वाॅं पटल व उसका इन्द्रक, कुरू वंश का एक राजा
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरक–Merak. Name of the 3rd Pratinarayan. तीसरा प्रतिनारायण, मेरूक और मधु इसके अपरनाम थे”