सुभौम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुभौम – Subhauma. Name of the 8th Chakravarti (emperor). 8वे चक्रवर्ती, जो णमोकार मंत्र का अपमान करने के कारण मरकर 7 वे नरक में गयें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुभौम – Subhauma. Name of the 8th Chakravarti (emperor). 8वे चक्रवर्ती, जो णमोकार मंत्र का अपमान करने के कारण मरकर 7 वे नरक में गयें ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारंगत – Paramgata. Well versed, expert. निपुण, कुशल. द्वादशांग के पारंगत मुनि को श्रुतकेवली कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमलप्रभ – Vimalaprabha. Name of the 4th Jaina-Lord of the past era and name of a protecting peripatetic deity of kshirvar ocean. भूतकालीन चौथे तीर्थकर, क्षीरवरसमुद्र का एक रक्षक व्यंतर देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोत्पन्नसुख – Manotpanna Sukha. Mental pleasure or bliss. मनकेद्वाराउत्पन्नसुख , जैसेहवाआदिकास्पर्शहोना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लुंका-Lunkaa.: One who started lunkaa philosophy. गुजरात(अणहिल नगर) में कुलुम्बी वंशीय एक महामानी लुंका जिसने लुंकामत (ढूंढिया मत) चलाया “अपरनाम स्थानकवासी एक श्वेताम्बर मत ” समय – वि.सं. 1527 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापभीरुता – Papabhiruta. Fearfulness from sins. पाप से भयभीतपना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दर्शन –VitaragaSamyagdarsana. Right faith without any attachment. निश्चय सम्यग्दर्शन, वीतराग चारित्र के साथ अविनाभावी, जिस सम्यकत्व भाव में आत्मा की विशुध्दी, तन्मयता हो ” यह सातवें से दसवें गुणस्थान तक होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पादानुसारी ऋद्वि : A type of supermatural power causing knowledge of whole scriptures by studying only fraction of it.समस्त श्रुत के अक्षर पदो को जानने वाली बुद्वि रुप ऋद्वि है।