संदिग्ध अन्न!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संदिग्ध अन्न – Sandigdha Anna. Doubtful edible material infected with bacteria or insects. ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें त्रस जीवों के रहने का संदेह हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संदिग्ध अन्न – Sandigdha Anna. Doubtful edible material infected with bacteria or insects. ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें त्रस जीवों के रहने का संदेह हो “
ऐन्द्रिय दुःख Sensual pain. इन्द्रियों के द्वारा प्राप्त दुःख।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तंस A superior diamond engraved crown. किरीट से भी उत्तम कोटि का रत्नजडि़त मुकुट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यद्रष्ट–Yadrasht. A fault of criticism (reg. Jain saints). आलोचना का एक दोष” जो अपराध अन्य जनो ने देखे है, मुनि द्वारा उतने ही दोष गुरु के पास जाकरकहना”
ऐ The ninth vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का नवां स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैजयंत –Vaijayainta Name of the 66th planet, Name of the cities in the north & south of Vijayardhmountain, The southern door to the surrounding wall of Jambudvip, Name of a door of Samavasaran land. ज्योतिष के ८८ ग्रहों में ६६वा ग्रह विजयार्ध की उत्तर व दक्षिण श्रेणी के दो नगर, जंबुद्वीप की…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाववाद – Svabhaavavaada. A doctrine related to the nature of a matter. काॅटे आदि मे तीक्ष्णता एवं पक्षु-पक्षी आदि मे अनेकपना उनमे स्वभाव से ही है ऐसा एकांत से स्वभाव को मानना एवं ज्ञान वास्तव मे जीव का स्वरुप है, उस हेतु से जो अखण्ड अद्वैत स्वभाव मे लीन है ऐसा निश्चय स्वभाव वाद…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष]] == द्रव्यदृष्टि : == भारी पीलो चीकणो कनक, अनेक तरंग रे। पर्याय दृष्टि न दीजिए, एकज कनक अभंग रे।। —आनन्दघन ग्रंथावली :: अरजिन स्तवन स्वर्ण के साथ पर्याय रूप में तीन गुण निहित रहते हैं—भारीपन, पीलापन और चिकनापन अर्थात् सोना वजन में भारी, रंग से पीता और गुण से चिकना…
दीपमालिका व्रत A vow of Deepawali festival. कार्तिका कृ. 30 को वीरनिर्वाण के दिन उपवास करना, शाम को दीपक जलाना एंव भगवान महावीर स्वामी का मंत्र जाप्य करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर प्रकाशक – Svapara Prakaasaaka. Omniscience (causing enlightenment of self & others)ज्ञान। केवलज्ञान जो निश्चय नय से स्व को और व्यवहार नय से पर को जानता है।