प्रत्यय स्थान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यय स्थान- pratyaya sthana Situations causing for the karmic influx or inflow आस्त्रव सबंधी प्रत्ययों के उदय आदि स्थान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यय स्थान- pratyaya sthana Situations causing for the karmic influx or inflow आस्त्रव सबंधी प्रत्ययों के उदय आदि स्थान।
उपवेल्लन A type of substantive positing. द्रव्य निक्षेप का एक भेद उपवेल्लन क्रिया से सिद्ध हुए एकगुणे द्विगुणे एंव तिगुणे सूत्र डोरा व वेष्ठन आदि द्रव्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौदगलायन–Modgalayan. Name of a great Jain Acharya in the stream of Lord Parshvanath, A type f inactivist. भगवान् पार्श्वनाथ की शिष्य परम्परा में हुए एक बड़े जैनाचार्य, अक्रियावादी के 84 भेदो में एक भेद”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीघातरहित- pratighatarahita Without impediment or hinderance. प्रतिबन्ध या बाधा रहित।
उपयोगिता क्रिया An auspicious and sacred activity. दीक्षान्वय की एक क्रिया पर्व के दिन उपवास में रात्रि के समय प्रतिमा योग धारण करके ध्यान करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यणीसिद्ध – Manushyaniisiddha. Those salvated from Bhav Strived (according to Bhutpragyapan Naya). भाव स्त्रीवेद से सिद्ध होने वाले जीव ये अल्पबहुत्व की अपेक्षा स्तोक हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान गोपुच्छा – Svasthaana Gopucchaa. Reducing sepuence of Karmic results (related to Krishties). विवक्षित एक संग्रह कृष्टि मे जो अंतरकृष्टियाके के विषेष धटना क्म पाया जाता है उसे स्वस्थान गोपुच्छा कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनःप्रत्याखयान Renunciation of all infractions mentally. मन से मैं अतिचारों को भविष्यत्काल में नहीं करूंगा , ऐसा विचार करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्ववचनबाधित – Svavacanabaadhita. Self obstructive speech. बाधित विषय हेत्याभास के 4 भेदो मे अंतिम भेद। जिसके साध्य मे अपने वचन से ही बाधा आती है। जैसे- मेरी माता बन्ध्या है क्योकि पुरुष का संयोग होने पर भी उसके गर्भ नही ठहरता।