दानकथा!
दानकथा A book written by poet Bharamal ji. कवि भारामल (ई.1756) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दानकथा A book written by poet Bharamal ji. कवि भारामल (ई.1756) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपशमक अपूर्वकरण Subsider rising up at the 8th stage of spiritual development. 8 वें गुणस्थान को प्राप्त उपशम श्रेणी चढ़ने वाला। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिचन्द्र कवि – Haricandra kavi. Nama of a great Jaina poet, the writer of ‘Jivandhar Champu’ etc. name of another Apabhransh poet the writer of ‘Anatthamiyakaha’. आर्द्रदेव श्रेष्ठी के पुत्र, आचारश्षास्त्र के वेत्ता जैन कवि, कृति धर्मशर्माभ्युदय, जीवंधर चम्पू (समय ई.श. 10 का मध्य)। अणत्थमियकहा के रचयिता एक अपभं्रष कवि (समय वि.श. 15 का…
उपशमक Suppressor, Subsider, The suppressor of conduct deluding karmas. चारित्र मोहनीय कर्म का उपशमन कर्ता जीव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हनुमान – Hanumaana. Name of the 18th kamdev, the son of Pavananjaya & Arjana, name of residential deity of Vajrakut (summit) of Manushottar mountain. 18 वे कामदेव। पवनंजय एवं अंजना के पुत्र। विमान मे से पर्वत की षिला पर गिरने पर षिला चूर-चूर हो गई इसलिये उनका नाम श्रीश्षैल भी था। उल्कापात देख विरक्त…
दर्शन पाहुड A book written by Acharya Kund-Kund. आचार्य कुंदकुंद (ई.127-179) कृत सम्यग्दर्शन के साथ अष्टमूलगुण का पालन करना और सप्त व्यसन का त्याग करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वोपकार – Svopakaara. Benevolence for self. उपकार के दो भेदो मे एक भेद। अध्यात्म मार्ग मे स्वोपकार अर्थात् अपनी आत्मा का उपकार ही इष्टा है परोपकार नही।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परत्वापरत्व:Relativity of time placed with different matters.छोटे-बडे के व्यवहार को परत्वापरत्व कहते है। ये काल द्रव्य का उपकार माना गया है। जैसे-25 वर्ष के मनुष्यको बडा एवं उसकी अपेक्षा 20 वर्ष के मनुष्य को छोटा कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक स्वभाव – Svaabhaavika Svabhaava. Natural nature instinct (of Siddhas). उपचरित स्वभाव का एक भेद। सिद्वों का पर को देखना व जानना स्वाभाविक स्वभाव है।