संप्रदान कारक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संप्रदान कारक – Sanpradaana Kaaraka. The dative case in grammar. षट्कारकों में चतुर्थ कारक; कर्म जिसे देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे ” (के लिए, के अर्थ, के वास्ते) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संप्रदान कारक – Sanpradaana Kaaraka. The dative case in grammar. षट्कारकों में चतुर्थ कारक; कर्म जिसे देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे ” (के लिए, के अर्थ, के वास्ते) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == निरभिमान : == जो ण य कुव्वदि गव्वं, पुत्तकलत्ताइसव्वअत्थेसु। उवसमभावे भवदि, अप्पाणं मुणदि तिणमेत्तं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ३१३ जो पुत्र—कलत्रादि किसी का भी गर्व नहीं करता और अपने को तृण के समान मानता है, उसे उपशम—भाव होता है। रिद्धीसु होह पणंवा जइ इच्छह अत्तणो लच्छी। —कुवलयमाला : ८५ यदि…
तत्वार्थ श्रद्धान Faith on all real matters. तत्व रूप पदार्थ की प्रतीति या श्रद्धा करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धा – Shraddhaa. Faith, Reverence, Reverential belief. दृष्टि, श्रद्धा, आस्था, रूचि और प्रत्यय ये पर्यायवाची नाम हैं ” दाता के सात गुणों में एक गुण, पात्र के प्रति आदर भाव “
तट The bank of a river, A king of Rakshas dynasty, Name of a city of Vijayardh mountain region. नदी का किनारा , राक्षस वंश का एक राजा, विजयार्ध पर्वत का एक नगर । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदु–Yadu. Name of a king of Hari dynasty who established Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का संस्थापक हरिदंशी एक राजा”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवेश- भेदन, भीतर जाना, पहुंच। Pravesa- penetration, entrance
चक्रेश्र्वरी Ruling female deity of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव की शासन देवी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंद्रसेन Spiritual teacher of Aryanandi ji. आर्यनंदि के गुरु (ई. ७४२-७७३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याख्यान चतुष्क – pratyakhyana catuska A quarted related to passion (4 types passion) क्रोध मान माया लोभ।