परमार्थ प्रत्यक्ष!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ प्रत्यक्ष: Direct non-sensory perception, direct intuition.प्रत्यक्ष प्रमाण का एक भेद, जो बिना किसी की सहायता से पदार्थ को स्पष्ट जानता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ प्रत्यक्ष: Direct non-sensory perception, direct intuition.प्रत्यक्ष प्रमाण का एक भेद, जो बिना किसी की सहायता से पदार्थ को स्पष्ट जानता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ललित कीर्ति – यषकीर्ति न 3 के गुरू और रत्ननंदी द्वि के षिक्षा गुरू। समय ई – 1214, काश्ठसंघी जगतकीर्ति के षिश्य एक मंत्रवादी। कृति महापराण टीका। नंन्दीष्वर व्रत आदि 13 कथाएं। Lalitakirti-Name of saints-(1) Spiritual teacher of ratnanandi-II (2) The disciple of Jagatkirti of Kashtha Group
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादृश्य – Saadrshya. Resemblance, similarity. एकरुपता, समानता, समान धर्म।
ऋजुत्व To be well versed in telepathic knowledge (Manah Paryaya Gyan). यर्थात मन, वचन और कायिक चेष्टागत होने से ऋजुमति मन पर्ययज्ञान में ऋजुत्वपना है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रश्मिवेग – पुश्कलावती के विजयार्ध पर त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्युतगति का पुत्र था।युवावस्था में दीक्षित हुआ, योग में लीन स्थिति में एक अजगर निगल गया।समाधिपूर्वक मरने से अच्यूत स्वर्ग के पुश्कर विमान मे देव हुअ्रा। Rasmivega-The son of kind Vidyutgati of Trilokottam city situated in Pushkalavati country of Vijayardh mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात भय – Saata Bhaya. Seven kinds of fears. इहलोक, परलोक, अरक्षा, अगुप्ति, मरण, वेदना और आकस्मिक भय ये सात भय है
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवाह – Sanvaha. A type of township; prosperous place. नगरों का एक प्रकार ” जहां मस्तक तक ऊचें ऊचें धान्य के ढेर लगे रहते हैं वेह संवाह नगर कहलाता हैं ” समुन्द्र की बेला से वेसिस्ट स्थान “
झूठ- मर्मच्छेदी पुरूषवचन, उद्वेगकारी कटुवचन, वैरोत्पादक, भयोत्पादक, तथा अवज्ञाकारी वचन इस प्रकार के वचन अप्रिय हैं तथा हास्य भीति लोभ क्रोध द्वेष इत्यादि कारणों से बोले जाने वाले वचन सब झेठ (असत्य) हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यलोक- Manushya Loka. Human universe. देखें – मनुष्य क्षेत्र “