उत्तरेन्द्र!
उत्तरेन्द्र Name of Indras. भवनवासी व्यंतर देवों के दो-दो इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र एंव 16 स्वर्गों के 12 इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तरेन्द्र Name of Indras. भवनवासी व्यंतर देवों के दो-दो इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र एंव 16 स्वर्गों के 12 इन्द्रों में दूसरे नवम्बर का इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भविता – Bhavita. Name of a Ganini Aryika in the assembly of Lord Kunthunath. कुन्थुनाथ भगवान के समवशरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) का नाम “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्यान्धकार–Mithyaandhkaar. Darkness of ignorance. अज्ञान–अंधकार”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृकुटी:scowl, a frowning look. तनी भौंह, क्रोध पूर्ण मुखाकृति ” जिन प्रतिमाओंकी भकुटीर हित मुखाकृति क्रोध केअभाव का सूचक होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भट्टाकलंक – Bhattaakalamka. See- Bhatta Akalamka. देखें – भट्ट अकलंक “
त्रस नामकर्म प्रकृति Mobile physique making karmic nature . जिस कर्म के उदय से त्रस काय में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैराग्य भावना –VAiragya Bhavana Emotions of the aversion from worldly life. वैराग्य की कारणभूत भवनाये ” जगत, शरीर, भोग के स्वरूप का बारबार चिंतन करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोह– Moha. Delusion, Attachment. सांसारिक वस्तुओ में ममत्व या मूर्छा भाव”
ऐलक A loin-clothed Jaina saint. जैन संत जो मात्र एक वस्त्र (लंगोट) धारण करते हैं केषलोच करते हैं एंव पिच्छी- कमण्डलु रखते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विध्यात संक्रमण – Vidhyata Sankramana. A type of transition (reg. soul with low purity). संक्रमण के ५ भेदों में एक भेद; मंद विशुध्दता वाले जीव की स्थिति – अनुभाग को घटाने रूप भूतकालीन स्थितिकाण्डक – अनुभागकाण्डक तथा गुणश्रेणी आदि परिणामों में प्रव्रत्ति होना “