उपधातु!
उपधातु Bodily humour (phlegm, wind, bile). औदारिक शरीर में वात पित श्लेष्म शिरा स्नायु चर्म उदराग्नि ये 7 उपधातु हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपधातु Bodily humour (phlegm, wind, bile). औदारिक शरीर में वात पित श्लेष्म शिरा स्नायु चर्म उदराग्नि ये 7 उपधातु हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषप्रभ – Purusaprabha. A type of Kimpurusha peripatetic deities. किंपुरुष व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुराणसार – Puranasara. A book written by Acharya Shrichandra. आचार्य श्रीचन्द्र (ई. १४९८-१५१८) द्वारा रचित ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रचाला प्रचाला – Prachalaa Prachalaa. Deep drowsiness (Karmic nature causing deep drowsiness). दर्शनावरण कर्म का एक भेद; जिसके उदय से सोते हुए मुख से लार बहती है और अंगोपांग भी चलते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्यरससेवा –VrsyarasaSevaa. Taking nutritious spicy food causing excitement. अब्रम्ह के १० भेदों में एक भेद ; पौष्टिक आहार का ग्रहण करना, जिससे बल ओ वीर्य की वृद्धि हो
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवर्गणा – Manovargana. See – Manodravyavarganaa. देखें – मनोद्रव्यवर्गणा “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मार्दव : == कुलरूवजादिबुद्धिसु, तवसुदसीलेसु गारवं किंचि। जो णवि कुव्वदि समणो, मद्दवधम्मं हवे तस्स।। —समणसुत्त : ८८ कुल, रूप, जाति, बुद्धि, तप, श्रुत और शील का जो श्रमण थोड़ा—सा भी गर्व नहीं करता, वह मार्दव धर्म से संपन्न हुआ करता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुबलिसागर – Bahubalisagara. Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Deshbhusha Maharaj. आचार्यश्री देशभूषण महाराज के एक प्रसिध्द शिष्य (ई.श.२०-२१ ) ” इनकी प्रेरणा से हरियाणा प्रांत में सिध्दांत तीर्थ का निमार्ण हुआ है “
एकफालक Single piece clothed, Loin clothed ascetics. एक कोपीन धारण करने वाले ऐलक एंव एक साड़ी धारण करने वाली आर्यिका।[[श्रेणी:शब्दकोष]]