पार्श्वनाथ प्रतिमा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ प्रतिमा – Parsvanatha Pratima. Symbolic idol of Lord Parshvanath (with expanded snake- hood). सर्प के फण से युक्त पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वनाथ प्रतिमा – Parsvanatha Pratima. Symbolic idol of Lord Parshvanath (with expanded snake- hood). सर्प के फण से युक्त पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वनजीविका – Vanajivika: Livelyhood by forest product. सावद्य, खरकर्म के 15 भेदों में एक भेद ;स्वयं टूटे हुए अथवा तोड़कर वृक्ष आदि वनस्पति को बेचना आदि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्ष –Vrksa Trees (myth, wish fulfilling trees, specific super trees). कल्पवृक्ष; भोग भूमि में मुनष्य की आवश्यकताओं को चिंता मात्र से पूरी करते हैं ” चैत्यवृक्ष; प्रेतिमाओ के आश्रयभूत, जो पृथिवीकायिक होते हैं, वनस्पतिकायिक नहीं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमत – एक एकांन्तमत। संख्यादर्षन। Yogamata-name of a philosophy
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्पर्श – Bhava Sparsa. Sensible touch for any knowledgeable matter. निक्षेप रूप एक भेद; जो स्पर्श प्राभृत का ज्ञाता उसमें उपयुक्त है वह सब भाव स्पर्श है \
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्माहार – Nokarmaahaara. See – Nokarma Aahaara. देखें – नोकर्म आहार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वत्सावती –Vatsaavatii: A region of eastern Videh Kshetra (region), Name of a summit of Vaishravan Vakshar (mountain) in eastern Videh kshetra (region) & its female divinity. पूर्व विदेह का एक क्षेत्र ,पूर्व विदेह के वैश्रवण वक्षार का एक कूट व उसकी स्वामिनी देवी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवान् – Bhagavan. Supreme one, Lord, one with omnipotence & omniscience. जो सर्वशक्तिमान एंव केवल ज्ञान से सहित है वह भगवान है “
उदयादि अवस्थित गुणश्रेणी आयाम A kind of stable geometric progression length related to Karmic destruction. परिणामों की विशुद्धि की वृद्धि से अपवर्तनाकरण के द्वारा उपरितन स्थिति से हीन करके अन्तर्मुहूर्त काल तक प्रतिसमय उत्तरोत्तर असंख्यातगुणित वृद्धि के क्रमसे कर्म प्रदेशों की निर्जरा के लिये जो रचना होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]