पापसंवर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापसंवर – Papasamvara. To become free from sins, cessation of sins. व्रतादि के द्वारा पाप से निवृत्ति प्राप्त करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापसंवर – Papasamvara. To become free from sins, cessation of sins. व्रतादि के द्वारा पाप से निवृत्ति प्राप्त करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसंवाद –Visamvada. Misleading or deceptive speech. वचन विरोध, धोखा ” अशुभ नामकर्म के आस्त्रव का एक कारण; अन्यथा प्रवृर्ती या प्रतिपादन करना अथवा दूसरे को धोखा देना विसंवाद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पानकाहर- Panakahara. See- Panaka. देखें-पानक, यह आहार सल्लेखना के समय दिया जाता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरोध – Virodha. Opposition, Contradiction, Objection. अनुपलम्भ अर्थात् अभाव के साध्य को विरोध कहते हैं ” असंगति, परस्पर विरुध्द्ता, असंबध्दता “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकायिक– Yamkayik. A type of residential deities. भवनवासी आकाशोपन्न देव के 12 भेदो में से एक भेद”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोज्ञ – Manojnna. Delightful , lovely , charming. प्रिय वस्तु होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पात्र अपात्र:Worthy & non-worthy donees.सम्यक्त्व, शील और व्रत से सहित जीव पात्र एवं इनसे रहित जीव अपात्र कहलाते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य – Bhasya. Commentary, Exposition. व्याख्या, व्रत्ति, टीका “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याश्रमण – Vidyasramana. Learned Jaina saints at the learning stage of 10th Purva (scriptural knowledge). जो मुनि दसवें पूर्व को पढते समय रोहिणी आदि लौकिक विद्याओं के प्रलोभन में न पड़कर दशपुर्व के पाठी होते हैं “