नाना-जीव एक-अजीव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाना-जीव एक-अजीव – Nana-Jiva Eka-Ajiva Pertaining to different types of living beings and one non-living beings अनेक जीव और एक अजीव ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाना-जीव एक-अजीव – Nana-Jiva Eka-Ajiva Pertaining to different types of living beings and one non-living beings अनेक जीव और एक अजीव ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्यवादी : == विश्वसनीयो मातेव, भवति पूज्यो गुरुरिव लोकस्य। स्वजन इव सत्यवादी, पुरुष: सर्वस्य भवति प्रिय:।। —समणसुत्त : ९५ सत्यवादी पुरुष माता की तरह विश्वसनीय, जनता के लिए गुरु की तरह पूज्य और स्वजन की भाँति सबको प्रिय होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन दिवस – Shaasana Divasa. ‘Veer shasan jayanti’, celebration of first sermon day of Lord Mahavir. वीर शासन जयंती अर्थात श्रावण कृष्ण प्रतिप्रदा का दिन, जब विपुलाचल पर्वत (राजगृही) पर केवलज्ञान होने के 66 दिन बाद प्रथम बार भगवान महावर की दिव्य ध्वनी खिरी थी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय भक्ति – Nishchaya Bhakti. Engrossment into self. मुनि अवस्था में आत्मगुणों में तन्मयता निश्चयभक्ति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नागहस्ती – Nagahasti Name of great saint. आचार्य पुष्पदन्त एवं भूतबली के समकक्ष के एक मुनि ” व्यग्रहस्ती के शिष्य और जीत्दंड के गुरु (समय ई. 93-162) ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मय – Mya. Father’s name of Mandodari, A king of Yadav dynasty. मंदोदरीकेपिताकानाम , यदु (यादव) वंशकाएकराजा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयगुरु – Nishchayaguru. One having absolute perception of knowing himself. निश्चय से आत्मा ही आत्मा का गुरु है क्योंकि मोक्ष सुख का ज्ञान कर स्वयं ही उसे परम हितकर ज्ञान उसकी प्राप्ति में अपने को लगता है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संघ : == संघो गुणसंघात:, संघश्च विमोचकश्चकर्मणाम्। दर्शनज्ञानचरित्राणि, संघातयन् भवेत् संघ:।। —समणसुत्त : २५ गुणों का समूह संघ है। संघ कर्मों का विमोचन करने वाला है। जो दर्शन, ज्ञान और चारित्र का संघात (रत्नत्रय की समन्विति) करता है, वह संघ है। कर्मरजजलौघविनिर्गतरस्य, श्रुतरत्नदीर्घनालस्य। पंचमहाव्रतस्थिरर्किणकस्स, गुणकेसरवत:।। श्रावकजन—मधुकर—परिवृतस्य, जिनसूर्यतेजोबुद्धस्य। संघपद्मस्य…