सन्नासन्न!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्नासन्न – Sannaasanna. A unit of area measurement. क्षेत्र का एक प्रमाण विषेष, 8 अवसन्नासन्न = 1 सन्नासन्न।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्नासन्न – Sannaasanna. A unit of area measurement. क्षेत्र का एक प्रमाण विषेष, 8 अवसन्नासन्न = 1 सन्नासन्न।
ध्रुवबन्धी प्रकृति A Karmic nature, constantly involved in binding (related to living beings). जिस कर्म प्रकृति का बंध निरंतर होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मा – Suddhaatmaa. The passionless supreme soul. राग-द्वेषादि रहित वीतरागी शुद्ध आत्मा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदकषाय:Virtuous nature of one, less passionate. सभी से प्रिय वचन बोलना, खोटे वचन बोलने पर दुर्जनों को भीक्ष मा करना, सभी के गुणों को ग्रहण करना आदि अर्थात्शुभलेश्या रूप परिणामों का होना मंदकषाय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयिल – Vijayila.: Name of the 33rd chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 33वें गणधर “
धृतिदेव A king of Kuru dynasty. कुरूवंशी राजा, इसके पूर्व अनेक राजा हो गये थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध भाव – Shuddha Bhaava . See – Shuddha Parinaama. देखे – शुद्ध परिणाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगराज:A Kannad poet who wrote a book ‘Khagendramanidarpan’. खगेन्द्रमणिदर्पण (चिकित्साशास्त्र) के रचियता एक कन्नड़ कवि “
धूलिशाल The first rampart of Samavasharan-the holy assembly of Lord Arihant. समवशरण के बाहरी भाग में रत्नों की धूलि से निर्मित वलयाकार प्रथम कोट। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]