लधुषंका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुषंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुश्रुत- जो मुनि बारह अंगो के पारगामी होते है। Bahusruta- Scripture-proficient, preceptor
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याज्ञिक मत – संसारी जीव की कभी मुक्ति नहीे होती ऐसा मानने वाला मत। Yajnika Mata-A doctrine believing no salvation of worldly beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बकरा- कुंथुनाथ भगवान का चिन्ह, भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्नों में एक स्पप्न; शुष्क पत्ते खाने वाले बकरों का समूह (जिसका फल आगामी काल में दुराचारी मनुष्यों की उत्पत्ति था)। Bakara- Billy Goat, the significant symbol of lord kunthunath & a dream mark of Bharat Chakravati (an emperor)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्यता – अपने आवरण अर्थात ज्ञान को ढकने वाले कर्म के क्षयोपक्षम को योग्यता कहते है अर्थात सामथ्र्य ज्ञान की अनुरूपता। Yogyata-talent, capability, Competency, Qualification
दण्डधार The 45th son of king Dhratrashtra. राजा धृतराष्ट्र और रानी गंधारी का 45 वां पुत्र। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनविशुद्धि Purity of right faith. 16 कारण भावना में पहली भावना सम्यग्दर्शन को अत्यन्त निर्मल व दृढ़ हो जाना। इसके होने पर ही तीर्थंकर प्रकृति का बंध संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकुट – Sankuta. Contracted, Limited. जीव अति सूक्ष्म देह मिलने से संकुचित होता है, इसलिए उसे संकुट कहा गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधस्पर्श – निक्षेप रुप स्पर्श का एक भेद; औदारिक, वैक्रियक, आहरक, तैजस और कार्मण शरीर बंध स्पर्श है। Bandhasparsa- Body formation caused due to karmic Binding