चैत्य!
चैत्य The idol of Jaina-Lord. भगवन की प्रतिमा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्व – Sarva. All, whole, universal, entire. संपूर्ण, समग्र, सब, सकल।
चित्रा Name of a lunar, A female deity of Ruchak mountain. एक नक्षत्र : पद्मप्रभु भगवान के गर्भ नक्षत्र का नाम , रूचक पार्कात निवासिनी एक दिक्कुमारी देवी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरस्वतीमंत्रकल्प – Sarasvateemamtrakalpa. Name of a book written by Acharya Malishen. आचार्य मल्लिषेण कृत तंत्र-मंत्र विषयक संस्कृत भाषाबद्व रचना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृद्धि – हानि – Vrddhi – Haani Increasing & decreasing (pertaining to clairvoyance and 6 particular virtues etc.) षटगुण हानि वृद्धि; अविभाग प्रतिच्छेदों मे वृद्धी हानि का नाम ही षटगुण हानि व्रद्धि हैं, क्षयोपशम अवधिज्ञान के भेद, वर्धमान और हियमान” जो विशुद्ध परिणामों से बढता है वह वर्धमान एवं जो संक्लेश परीणामो…
चित्तरक्ष Father’s name of Lord Dharmanath (of past birth). धर्मनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्याचारित्र – Samyagmithyaacaaritra. Right-cum-wrong conduct. चारित्र मोह की एक प्रकृति जिसके उदस से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित आचरण है।
चैत्यभक्ति Act of adoration, Name of a composition (prayer). सिद्ध-अर्हन्त प्रतिमाओं के प्रति श्रद्धां एवं गुणानुराग , पूज्यपाद एवं कुन्दकुन्द आचार्य कृत प्राकृत की १० भक्तियों में से एक भक्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष परिणाम विधान -Sparssana Parinaama Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य गौण व्यवस्था–Mukhya Gauna Vyavastha. Something intended and non–intended. स्याद्वाद शैलीअथवा प्रक्रिया; दो धर्म में जो प्रधान होता है वेह मुख्य कहलाता है और जो अप्रधान होता है वेह गौण कहलाता है”