मनुष्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्य- Manushya. Human beings. मनुष्य गति में उत्पन्न हित अहित विवेक को धारण करने वाला , व्याकरण की व्युत्पत्ति ‘मनोरपत्यंमानवाः’ के अनुसार मनु की संतान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्य- Manushya. Human beings. मनुष्य गति में उत्पन्न हित अहित विवेक को धारण करने वाला , व्याकरण की व्युत्पत्ति ‘मनोरपत्यंमानवाः’ के अनुसार मनु की संतान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प – Pa. The 21st consonant of the Devanagari Syllabary. देवनागरी वर्णमाला का 21 vanवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओंठ है “
उदकावास Name of a mountain & a protecting deity of Mahashankh mountain in Lavan ocean. उदय का आगे अभाव जिस गुणस्थान में जितनी प्रकृतियों की उदय व्युच्छित्ति हो उनका उदय उसी गुणस्थान तक है आगे नहीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म साम्पराय – Sukshma Saamparaaya. Minute passions, spiritual stage of slight delusion. सूक्ष्म कषाय को सूक्ष्म साम्पराय अर्थात 10 वां गुणस्थान कहते हैं जहाॅं मात्र सूक्ष्म लोभ् का उदय रह जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिता – Pita. Father, Name of a presiding deity of a lunar ‘Magha’. जनक, मघा नामक नक्षत्र के अधिपति देवता का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म आलोचना – Sukshma Aalochanaa. An infraction of self criticism, hiding big faults (but exposing little faults). आलोचना का एक अतिचार । छोटे-छोटे दोष कहकर भय, मद कपट आदि के कारण बडे दोष छिपाना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंगल (शास्त्र) – Pimgala (Sastra). A treatise (prosody or metrics). एक छन्द शास्त्र “
दयार्द्र Compassionate; tender hearted. दूसरे की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पावागढ़ (तीर्थ) – Pavagarha (Tirtha). Name of a Digambar Jain place of pilgrimage in Gujarat, from where sons of Lord Ram ‘Lav & Kush’ got salvation. गुजरात में स्थित एक सिध्दक्षेत्र. यहाँ से भगवान रामचन्द्र के दो पुत्रों-अनंगलवण (लव) और मदनांकुश (कुश) ने घोर तप कर मोक्ष प्राप्त किया “
इंद्रध्वज A type of worshipping to be performed by Indras. पूजा के पाँच (नित्यमह आष्टान्हिक इन्द्रध्वज कल्पद्रुम सर्वतोभद्र) भेदों में से एक भेद जो इन्द्रों द्वारा मध्यलोक के 458 मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाकर की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]