रामकीतिै!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकीतिै – नंदिसंघ के उज्जयनी गदद्ी के भटट्ारक का नाम। समय वि 857 Ramakirti-name of a Bhattarak of nandi group
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामकीतिै – नंदिसंघ के उज्जयनी गदद्ी के भटट्ारक का नाम। समय वि 857 Ramakirti-name of a Bhattarak of nandi group
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ज्ञानी-अज्ञानी : == सेवंतो वि ण सेवइ, असेवमाणो वि सेवगो कोई। —समयसार : १९७ ज्ञानी आत्मा (अंतर में रागादि का अभाव होने के कारण) विषयों का सेवन करता हुआ भी सेवन नहीं करता। अज्ञानी आत्मा (अंतर में रागादि का भाव होने के कारण) विषयों का सेवन नहीं करता…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपर्याय – Svaparyaaya. The absolute pure form of soul.शुद्व पर्याय। केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न जो अनंत अन्तर्तेंज है वही निज पर्याय है और क्षयोपषम के द्वारा व ज्ञेयो के द्वारा चित्र-विचित्र परर्याय है।
त्रिलोकीय Father’s name of Lord Naminath reg. past era. नमिनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जयवती The mother’s name of first Baldev ‘Vijay’. प्रथा बलदेव विजय की माता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == तप : == जस्स अणेसणमप्पा तं पि तवो तप्पडिच्छगा समणा। अण्णं भिक्खमणेसणमध ते समणा अणाहारा।। —प्रवचनसार : ३-२७ परवस्तु की आसक्ति से रहित होना ही, आत्मा का निराहाररूप वास्तविक तप है। अस्तु, जो श्रमण भिक्षा में दोषरहित शुद्ध आहार ग्रहण करता है, वह निश्चय दृष्टि से अनाहार (तपस्वी)…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैशेषिक दर्शन –VAisesika Darsana. Name of a philosophy. एक दर्शन जिसमें प्रत्यक्ष व अनुमान दो ही प्रमाण स्वीकार किये जाते हैं, इसके अनुयायी शिव के उपासक होते हैं “
जयरामा The mother’s name of Jain Lord Suvidhinath (Pushpad antnath). सुविधिनाथ (पुष्पदन्तनाथ) भगवान की माता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वक्षेत्र – Svaksetra. Occupied space of matters.एक द्रव्य जितने क्षेत्र को रोक करके रहता है वह उस द्रव्य का स्वक्षेत्र है और अन्य क्षेत्र उसका पर क्षेत्र है।
देवद्विक Dyad of Karmic nature related to celestial destination. देवगति व आनुपूर्वी (देवगत्यानुपूर्वी)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]