सहस्रपर्वा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रपर्वा – Sahasraparvaa. Name of a superpower possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र द्वारा नमि व विनमि विद्याधरो को प्राप्त विद्या ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रपर्वा – Sahasraparvaa. Name of a superpower possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र द्वारा नमि व विनमि विद्याधरो को प्राप्त विद्या ।
देवपूजक A worshipper of Lord Arihant. जिनेन्द्र देव की पूजा करने वाला।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहवा (कवि) – Sahavaa (Kavi). Name of a Marathi poet, the writer of Neminath Puran. नेमीनाथ पुराण के रचयिता (ई0 1717) एक मराठी कवि ।
उद्योत नामकर्म प्रकृति A karmic nature causing effulgence (lustrous) body. जिसके निमित्त से शरीर में उद्योत होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
थानक पंथी / थानकवासी A shvetambar Jain sect. श्वेताम्बर जैन पंथ, ये प्रतिमा को नहीं पूजते हैं, साधु वस्त्र एंव मुह पर पट्टी रखते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राधान्य पद- उपक्रम का एक भेद; बहुत से पदार्थो के होने पर भी किसी एक पदार्थ की बहुलता आदि द्वारा प्राप्त हुई प्रधानता से बोले जाने वाला नाम। जैसे- आग्रवन, निम्नवन इत्यदि। Pradhanyapada-A type of Upakrama( a type of persuasion) dominant name or thing
त्रैकाल्ययोगी The disciple of Golacharyaji. एक आचार्य (ई.920-930) जो गोलाचार्य (ई. 900-920) के शिष्य तथा अभयनंदि (ई.930-950) के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपात विरमणव्रत- अहिंसाव्रत; जीवों कें प्राणों की रक्षा करना। PranatipataViramanavrata- A vow of non violence
त्रिवलित A fault or religious activities. कायोत्सर्ग का एक अतिचार, वंदना का एक अतिचार , कटि ग्रीवा, मस्तक, आदि पर तीन बल पड़ जाना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]