दैत्य!
दैत्य A type of knowledge, Demon, Evil spirit. एक प्रकार की विद्या, राक्षस।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दैत्य A type of knowledge, Demon, Evil spirit. एक प्रकार की विद्या, राक्षस।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == ममत्व : == ममता खट परै रगे, ओनीदे दिन रात। लेनो न देनो इन कथा, भोरे ही आपत जात।। —आनन्दघन ग्रंथावली :: पद : ३५ ममता नारी में यदि कोई गुण है तो वह है मोहित करने का। किन्तु वह स्वर्ण—कटार किस काम की, जिसका स्पर्श—मात्र प्राणान्त का…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रहारसंक्रामिणी विधा- एक मन्त्र विधा। धरणेन्द्र द्वारा नमि और विनमि को प्रदतत लोकहितकारिणी एक विधा। Praharasamkramini Vidya- A type of magical power of mystic word
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात गुणवृद्धि – Sankhyaata Gunavriddhi. Multiplicative increase in numbers. किसी संख्या का संख्यात गुणा किसी में बढ़ाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसारिताबाहु तप – कायक्लेष तप; दोनो बाहों को ऊपर करके खड़े होना। Prasaritabahu Tapa- A type of physical mortification, an external austerity
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरजा – Viraja. Name of the prime city in Nalin Kshetra (region) ‘of west videh (region), Name of a vapi (like large lake) situated in southern Nandishvardvip (is- land). अपर विदेह के नलिन क्षेत्र की प्रधान नगरी, नन्दीश्वर द्वीप की दक्षिण दिशा में स्थित वापी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुविध- मतिज्ञान का एक भेद; बहुत प्रकार के अलग-अलग पदार्थो का ज्ञान होना। Bahuvidha- A type of sensory knowledge pertaining to many objects
देवपुत्र Name of the 6th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] A worshipper of Lord Arihant. भावीकालीन छठवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्या – Sankhyaa. Numbers or meaningful numbers, One of the eight Anuyogdvars (disquisition doors). गिनती, सत् प्ररूपणा में जो पदार्थों का अस्तित्व कहा गया है, उनके प्रमाण का वर्णन करने वाली संख्या हैं ” जीवादि पदार्थों के भेदों की गणना, यह 8 अनुयोग द्वारों में दूसरा अनुयोग द्वार है “