द्रव्य अवसन्न!
द्रव्य अवसन्न To become immoral (reg. a saint). किसी पथिक या साधु का मार्ग भ्रष्ट हो जाना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य अवसन्न To become immoral (reg. a saint). किसी पथिक या साधु का मार्ग भ्रष्ट हो जाना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
लक्ष्मी [[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की स्वामिनि दिक्कुमारी देवी, ये गर्भावस्था मे जिनमातर की सेवा करती है। Laksmi-name of a female divinity of large pond situated at Shikhari Mountain
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप संबोधन – Svaruupa sambodhana. Name of a composition composed by Acharya Akalank Bhatta. आचार्य अकलंक भट्ट (ई. 620-680) कृत 25 श्लोक प्रमाण आध्यात्मिक कृति।
द्युति Light, radiance, splendour. कति,शरीर, वस्त्र और आभूषण आदि की कांति।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संदिग्ध – Sandigdha. Doubtful, suspicious, scrupulous. भ्रामक, संदेहात्मक “
दैत्य A type of knowledge, Demon, Evil spirit. एक प्रकार की विद्या, राक्षस।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहु – Bahu. Name of the 3rdTirthankar situated in videhKshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित तीसरे तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभूस्तोत्र – Svayammbhuustotra. Name of a famous eulogical composition composed by Acharya Samantbhadra. आचार्य समन्तभद्र (ई0श0 2) कृत संस्कृत छंदबद्व ग्रथ। इसमे 24 तीर्थकरो का स्तवन न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए किया गया है। कुल श्लोक 143 है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जय परायज : == स वोरिए परायिणति, अवीरिए परायिज्जति। —भगवती सूत्र : १-८ शक्तिशाली (वीर्यवान्) जीतता है और शक्तिहीन (निर्वीर्य) पराजित हो जाता है।