सरस्वतीमंत्रकल्प!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरस्वतीमंत्रकल्प – Sarasvateemamtrakalpa. Name of a book written by Acharya Malishen. आचार्य मल्लिषेण कृत तंत्र-मंत्र विषयक संस्कृत भाषाबद्व रचना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरस्वतीमंत्रकल्प – Sarasvateemamtrakalpa. Name of a book written by Acharya Malishen. आचार्य मल्लिषेण कृत तंत्र-मंत्र विषयक संस्कृत भाषाबद्व रचना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योशा – स्त्री का एक पर्यायवाची नाम इसे युवती कहते हैैै। Yosa-Young women
चित्तरक्ष Father’s name of Lord Dharmanath (of past birth). धर्मनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्याचारित्र – Samyagmithyaacaaritra. Right-cum-wrong conduct. चारित्र मोह की एक प्रकृति जिसके उदस से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित आचरण है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नगर्भा – भगवान के गर्भ में आने के 6 महीने से पहले से 15 महीने तक जहा रत्नवृृश्टि होती है उस भूमि को रत्न गर्भा कहते है। Ratnagarbha-The land where divinely rain of gems occurred (related to the birth place of lord)
चैत्यभक्ति Act of adoration, Name of a composition (prayer). सिद्ध-अर्हन्त प्रतिमाओं के प्रति श्रद्धां एवं गुणानुराग , पूज्यपाद एवं कुन्दकुन्द आचार्य कृत प्राकृत की १० भक्तियों में से एक भक्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष परिणाम विधान -Sparssana Parinaama Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लधुत्व गति – तुबंडी, रूई आदि की उपर जाने वाली गति। Laghutva gati-Motion (speed) of cotton (Pertaining to going up-side in the atmosphere)
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य गौण व्यवस्था–Mukhya Gauna Vyavastha. Something intended and non–intended. स्याद्वाद शैलीअथवा प्रक्रिया; दो धर्म में जो प्रधान होता है वेह मुख्य कहलाता है और जो अप्रधान होता है वेह गौण कहलाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष अंतर विधान – Sparssa Amtara Vidhaana. A type of anuyogdwar (disquisition door).अनुयोगद्वार के 8 भेदो मे ‘स्पर्शन’ अनुयोगद्वार के 16 उपभेदो मे एक भेदं।