बुद्धि ऋद्धि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धि ऋद्धि – Buddhi Riddhi Supernatural power of intellect. एक प्रकार की ऋद्धि जिसके १८ भेद हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धि ऋद्धि – Buddhi Riddhi Supernatural power of intellect. एक प्रकार की ऋद्धि जिसके १८ भेद हैं “
तप्त A type of fasting for 78 days with particular procedure. तपा हुआ , गर्म। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तपन (कूट ) Name of a summit of Vidyutprah Gajdant mountain and its deity, Name of a summit of Ruchak mountain. विद्युत्प्रभ गजदंत का कूट व देव, रुचक पर्वत का कूट। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वहण – Nirvahana. Acquiring right fait and other virtues with calmness (free from anxiety). सम्यग्दर्शन आदि गुणों को निराकुलतासे धारण करना परीषहादिक आने पर व्याकुल चित्त न होकर सम्यग्दर्शन आदि रत्नत्रय में तत्पर रहना “
तदुभय उपक्रम A type of materialistic persuance. अर्थाधिकार उपक्रम का एक भेद ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आसीधिका Omen permission (taken while coming out from a temple etc.). जिन मन्दिर अथवा यति का निवास अथवा मठ से लौटते समय उच्चारण करने का शब्द जिसका अर्थ वहाँ रहने वाले भूत , यक्षादि से पूछकर बाहर आना है इसके लिये असही शब्द का भी प्रयोग होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य शुक्लध्यान – Bahya Sukladhyana. Meditational activity of controlling movements of body organs. आत्मा की वीतरागी अवस्था की बाहरी पहचान; शरीर और नेत्रों को स्पन्द रहित रखना, जंभाई, उदूगार आदि नहीं होना , प्राणापान का प्रचार व्यक्त न होना आदि बाह्य शुक्लध्यान हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रमाण – Bhava Pramana. Internally standard evaluation of something. भाव प्रमाण अर्थात् ज्ञान – दर्शन उपयोग ” वह जघन्य सूक्ष्म निगोदिया के, उत्क्रृष्ट केवली के, और मध्यम अन्य जीवों के होता है “