श्रीष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीष – Shreesa. The initiation & omniscience tree of Lord Suparshvanaath. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ” अपरनाम शिरीष वृक्ष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीष – Shreesa. The initiation & omniscience tree of Lord Suparshvanaath. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ” अपरनाम शिरीष वृक्ष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंदी -उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव। ये तीर्थकर माता को जगाने व प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते है। Bandi- serving deities or beings.
त्रस चतुष्क A quartet (related to mobile beings-Trasa) of some Karmic nature. त्रस, बादर, प्रत्येक, पर्याप्त। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्यक्त शरीर Leaving the body voluntarily (auspicious death). जो शरीर स्वयं शांतिपूर्वक समाधिमरण द्वारा त्यागा गया हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यप्रवाद – Satyapravaada. A part of early canons ( the 6th part of Purvagat Shrut) containing description of 12 type of languages & 10 types of speeches. पूर्वगत श्रुत का छठवां भेद ” इसमें 1 करोड़ पद है, जिसमे 12 प्रकार की भाषाएँ तथा 10 प्रकार के वचनों का कथन किया गया है “
तैजस शरीर Luminous body. 5 प्रकार के शरीरों में एक स्थूल शरीर में दीप्ति या तेज में कारणभूत जो सूक्षम शरीर होता है उसे तैजस शरीर कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उन्मुंड A king of Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का एक राजा कृष्ण के भाई बलदेव का ज्येष्ठ पुत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तृतीय मूल The square root of the 2nd square root. गणित संबंधी द्वितीय मूल के मूल को तृतीय मूल कहते हैं । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उद्धार समय A time period of deliverance (salvation). मोक्ष प्राप्ति का समय काल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]