स्वामित्व!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वामित्व – Svaamitva. Ownership, governance. किसी वस्तु पर स्वामी का अधिकारपना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वामित्व – Svaamitva. Ownership, governance. किसी वस्तु पर स्वामी का अधिकारपना।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == काल : == स्पर्शरसगन्धवर्णव्यतिरिक्तम् अगुरुलघुकसंयुक्तम्। वर्तनलक्षणकलितं कालस्वरूपम् इदं भवति।। —समणसुत्त : ६३७ स्पर्श, गन्ध, रस और रूप से रहित, अगुरु—लघु गुण से युक्त तथा वर्तना लक्षण वाला काल द्रव्य है। जीवानां पुद्गलानां भवन्ति परिवर्तनानि विविधानि। एतेषां पर्याया वर्तन्ते मुख्यकाल आधारे।। —समणसुत्त : ६३८ जीवों और पुद्गलों में नित्य होने…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहित – Svahita. One own benefit, benefiting self. हित के दो भेदो मे प्रथम भेद- आत्महित।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांपरायिक बंधक – Saamparaayika Bamdhaka. Those bound with passionful influx. प्रथम गुणस्थान से लेकर 10वें गुणस्थान तक के जीव कषाय सहित होने से साम्परायिक बंधक कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठित – माननीय व्यक्तित्व। pratisthita – renowned one, honorable personality.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठा पाठ- आचार्य इन्द्रनन्दि (ई.श. 10 मध्य), आचार्य वसुनन्दि (ई. 1068-1118) एवं पं. आषाधर (ई. 1173-1243) द्वारा रचित प्रश्ठिा पाठ संबंधी ग्रन्थ। pratistha patha – name of ritual treatise written by acharyas (1) indranandi (2) vasunandi and pandit ashadhar.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिगज श्रुतज्ञान – अनक्षरात्मक श्रुतज्ञान, चिन्ह से उत्पन्न होने वाला श्रुतज्ञान। Limgaja Srutajnana-A kind of symbolic knowledge pertaining to Shrutgyan (scriptural knowledge), Unsyllabic knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रघुम्न – कृश्ण के पुत्र का नाम जो गिरनार पर्वत से मोक्ष पधारे। pradyumna – son of lord krishna (who got salvation from girnar mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाघव – लघुता, हल्कापन षरीर का भारीपन नश्ट होना। तपष्चरण से षरीर में ये गुण प्राप्त होता है जिसे लघिमा ऋद्धि कहते है। Laghava-Lightness, minuteness