चर्या!
चर्या Observance, Routine duties. आचरण , चरित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुमासिक प्रायश्चित – एक प्रकार की प्रायष्चित विधि। Laghumasika Prayascitta-A kind of repentance
चूली A fire place (used for cooking food). पूतिकर्म का एक भेद , पंचसून आरम्भ में एक ; चूल्हा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थंडिल – Sthamdila. Sterilized place etc.सूक्ष्म जीवो की आशंका से रहित प्रासुक स्थान आदि।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपरेखा – प्रारूप, कार्य या क्रिया विधि बनाना। Ruparekha-General outline
चतुर्मुख Having four faces (reg. Lord Arihant in Samava- sharan), Name of a city in southern Vijayardh mountain, Name of the 7th Narad (a learned sage). समवशरण में अर्हन्त भगवान् का चारों दिशाओं में मुख दिखाई देना, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सातवें नारद का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मइजिण चरिउ – Sammaijina Chariu. Name of a treatise in Apabhransh language written by poet Raedhu on the conduct of lord mahavira. भगवान महावीर के चरित्र विषयक अपभ्रंष भाषाबद्व कवि रइधू कृत ग्रंथ। समय ई. 1400-1479।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] र – देवनागरी लिपि का सत्ताईसवां व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान जीभ से अगले भाग की मूर्धा को स्पर्ष करने से होता है। Ra-The 27th consonant of the devanagari syllabary
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचेतना – Sanchetana. Absolute Consciousness. ज्ञानरूप शुद्ध आत्मा या ज्ञान चेतना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तिबुक संक्रमण – Stibuka samkramana. Simultaneous fruition of non-rising karmic nature with another rising one.गति, जाति आदि पिेड प्रकृतियो मे से जिस किसी विवक्षित प्रकृति के उदय आने पर अनुदय प्राप्त शेष प्रकृतियो का जो उसी प्रकृति मे संक्रमण होकर उदय आता है उसे स्तिबुक संक्रमण कहते है। जैसे एकेन्द्रिय जीवो के उदय प्राप्त…