तप-उद्योतन!
तप-उद्योतन To make self enlightened and pure by penance. तप आराधना संयम भावना में तत्पर रहकर तपश्चरण निर्मल बनाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तप-उद्योतन To make self enlightened and pure by penance. तप आराधना संयम भावना में तत्पर रहकर तपश्चरण निर्मल बनाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलव्रत – Sheelavrata. A particular vow (fasting) to be observed with particular procedure. वैशाख शुक्ला 6 के दिन (भगवान अभिनंदन का मोक्ष कल्याणक दिवस) 5 वर्ष पर्यत उपवास करना एवं ‘ओं हीं अभिनंदनजिनाय नमः’ का त्रिकाल जाप करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म आहार – Nokarma Aahaara. Intake of Nokarma Varganas cousing formation of gross body. शरीर निर्माण के निमित्तभूत नोकर्म वर्गंणाओ का आना ‘नोकर्म आहार कहलाता है ” यह समस्त सांसारिक प्राणियों के तो होता ही है तथा केवली भगवान के भी पर्मौदारिक शरीर के निमित्त से नोकर्माहार मन गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रार्गल –Vajraargal: Name of the 13th city of southern Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का 13वां नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैष्ठिक ब्रह्मचारी – Naishthika Brahmchaari. A celebate following the prescribed riles 7th Pratima. सातवीं ब्रह्मचर्यप्रतिमा के नियमों का पालने वाला ब्रह्मचारी”
तत्वानुशासन A book written by Acharya Samantabhadra. आचार्य समंतभद्र (ई.श.2) द्वारा रचित एक ग्रंथ, जो न्यायपूर्वक तत्वों का अनुशासन करता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य नास्तिक्य – Bahaya Nastikya. Those who believe in the philosophy of atheism. नास्तिक्य का एक भेद; द्रष्ट, घट आदि ही सत है इनसे अतिरिक्त जीव , अजीवादी तत्त्व कुछ नहीं है ऐसी एकांत मान्यता मानने वाले “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैॠत्य – Nairtya. Name of a direction, a guardian deity, a ruling deity of a lunar. दिशा; पश्चिम दक्षिणी कोणवाली विदिशा, लोकपाल देवों का एक भेद, एक नक्षत्र ‘मूल’ के अधिपति देवता का नाम “
तक्षशिला Former name of the present city of Punjab ‘Taiksila’. वर्तमान टैक्सिला, उत्तर पंजाब का एक प्रसिद्ध नगर। सिंधु नदी से जेहलम तक समस्त प्रदेश का नाम तक्षशिला था, जिस पर सिकंदर के समय राजा अम्भी राज्य करता था। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रघोष – Vajraghosh. One who was soul of Lord Parshvanath & became an elephant after killed by Kamath. तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जीव जो कामथ द्वारा मारा जाने पर सलल्की वन में वज्रघोष हाथी हुआ “