सम्मान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मान – Sammaana. Respect, reverence, honour. आदर, विनय। व्रतादि से यंुक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनेा का यथायोग्य विनय-सम्मान करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मान – Sammaana. Respect, reverence, honour. आदर, विनय। व्रतादि से यंुक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनेा का यथायोग्य विनय-सम्मान करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविप्रभ – प्रथम स्वर्ग का एक विमान। Raviprabha-name of a heavenly abode of 1st heaven
चित्रगुप्त Name of the 17th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावी सत्रहवें तीर्थंकर का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्रकूट Name of a city, A city in the south of Vijayardh mountain. एक शहर का नाम , विजयार्द्क की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिंग – चिन्ह, वेद, स्त्री, पुरूश नपुंसक रूप द्रव्यलिग। Limga-Sex-gender
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्यागारावास – Shunyaagaaraavaasa. One of the 5 temprements of the vow of nonstealing (staying in peaceful & solitude place like caves etc.). अचौर्यव्रत की 5 भावनाओं में पहली भावना; सूने घर व स्वभाव से शून्य पर्वत की गुफा व वृक्ष की कोटर आदि में निवास करना शुन्यकारावास कहलाता है “
देवसत्य The 39th chief disciple of Lord Rishabhdeva. भगवान ऋषभदेव के 39 वे गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]