द्रव्य नय!
द्रव्य नय Physical standpoint. जो दृष्टि या अपेक्षा ‘द्रव्य सामान्य’ को ग्रहण करे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य नय Physical standpoint. जो दृष्टि या अपेक्षा ‘द्रव्य सामान्य’ को ग्रहण करे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान सन्निकर्ष:A type of Sannikarsh-close contact (related to all 8 karmas).सन्निकर्ष का एक भेद, आठों कर्मो विषयक सन्निकर्ष।
द्रव्य आरोप To characterise a matter into anothers. एक द्रव्य में दूसरे को आरोपित या उपलक्षित करना, जैसे दर्पण में प्रतिबिम्ब को देखकर ‘यह दर्पण की पर्याय है’ ऐसा कहना ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्युतिश्रुति Name of an Agradevi of Sun. सूर्य की एक अग्रदेवी का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दैव Accumulation of results of good and bad deeds of past life. भाग्य- प्राणी ने पूर्व भव में जिस पाप या पुण्य कर्म का संचय किया है वह दैव कहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर कृशीकरण – Shareera Krisheekarana. An austerity related to mortification of body. कायाक्लेश तप; आचाम्ल, निर्विकृति, उपवास आदि के द्वारा शरीर को कृश करना “
उत्सर्गपद्धति A supreme dedicational system (of omniscient etc.) for getting salvation.मोक्षमार्ग की वह पद्धति जिसमें वज्रवृषभनाराच प्रथम संहनन से ही ध्यान अथवा मोक्ष होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्मान : == तम्हा सव्वे वि णया, मिच्छादिट्ठी सपक्ख—पडिबद्धा। अण्णोण्णणिस्सिया उण, हवंति सम्मत्तसब्भावा।। ——सन्मति तर्क प्रकरण : १-२१ अपने—अपने पक्ष में ही प्रतिबद्ध परस्पर निरपेक्ष सभी नय (मत) मिथ्या हैं, असम्यक् हैं, परन्तु ये ही नय जब परस्पर सापेक्ष होते हैं तब सत्य एवं सम्यक् बन जाते हैं।…