संवर्तक वायु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवर्तक वायु – Sanvartaka Vaayu. Stormy air causing demolition of mountain etc. (at the time of catastrophe). प्रलयकाल के समय पर्वत व शिलादी को चूर्ण कर देने वाली वायु, यह ७ दिन तक चलती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवर्तक वायु – Sanvartaka Vaayu. Stormy air causing demolition of mountain etc. (at the time of catastrophe). प्रलयकाल के समय पर्वत व शिलादी को चूर्ण कर देने वाली वायु, यह ७ दिन तक चलती हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा मुक्ति Salvation after one or two births.एक दो आदि भवों के अनंतर मुक्ति होना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्य – Vibhya. An infraction of paying reverence (reverence due to influence of Acharya etc.). वंदना का एक अतिचार, आचार्य आदि के भय से वंदना करना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मोक्ष—मार्ग : == दर्शनज्ञानचारित्राणि, मोक्षमार्ग इति सेवितव्यानि। साधुभिरिदं भणितं, तैस्तु बन्धो वा मोक्षो वा।। —समणसुत्त : १९३ जिनेन्द्र देव ने कहा है कि (सम्यक्) दर्शन, ज्ञान, चारित्र मोक्ष का मार्ग है। साधुओं को इनका आचरण करना चाहिए। यदि वे स्वाश्रित होते हैं तो इनसे मोक्ष होता है और…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादरायण- एक अज्ञानवादी थे। ई.-400 में ये वेदान्त के सर्व प्रधान ब्रह्मसूत्रों के कर्ता हुए है। Badarayana- A follower of the philosophy of ignorance
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == नश्वरता : == जम्मं मरणेण समं, संपज्जइ जुव्वणं जरासहियं। लच्छी विणससहिया, इय सव्वं भंगुरं मुणह।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ५ जन्म के साथ मरण, यौवन के साथ बुढ़ापा, लक्ष्मी के साथ विनाश निरंतर लगा हुआ है। इस प्रकार प्रत्येक वस्तु को नश्वर समझना चाहिए
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर निगोद- एकेन्द्रिय निगोदिया जीव जिनका शरीर किसी आधार से हो। Badara Nigoda- A type of nigod-beings (one sensed)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य सल्लेखना – Bahya Sallekhana. Auspicious destruction of the body. शरीर को क्रश करना “