विशिष्ट पद!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशिष्ट पद – Vishishta.Pada. A kind of dicquisition door . पदमीमांसा आदि अनुयोगद्वारा के उत्क्रष्टादि भेद पदों के १३ भेदों में से एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशिष्ट पद – Vishishta.Pada. A kind of dicquisition door . पदमीमांसा आदि अनुयोगद्वारा के उत्क्रष्टादि भेद पदों के १३ भेदों में से एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वंदना मुद्रा –Vandanaa Mudraa : Standing posture of paying reverence by raised & folded hands with joined palms. मुद्रा के 4 भेदों में एक भेद ;खड़े होकर दोनों कुहनियों को पेट के ऊपर रखना और दोनों हाथों को मुकुलित कमल के आकार में बनाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्कंप – Nishkampa. Name of a king of Yadu dynasty. यदु वंश का एक राजा” समुद्रविजय के भाई विजय का पुत्र “
द्वितीय वर्ग Square of first square (mathematically). प्रथम वर्ग का पुनः वर्ग करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिथिल – Shithila. Slack, Relaxes, Loosened, Inactive one. ढीला, सुस्त, द्रव्यलिंगी साधु; आहारादि सुखों में तल्लीन होकर जो मुनि रत्नमय में अपनी प्रवृति शिथिल या ढीली करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्या क्रिया – Nishadyaa kriyaa. Auspicious ceremony related to the seating of newly born baby with worshipping the Lord. गर्भान्वयक्रिया का 9 वां संस्कार; इस क्रिया में सिद्ध भगवान की पूजा विधिपूर्वक करके किसी शुद्ध आसन पर बालक को बैठना सिखाया जाता है “
द्वारवंग A place, present Darbhanga district. वर्तमान दरभंगा जिला। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय समिति – Nishchaya Samiti. Absolute behaviour. अपने स्वरुप में सम्यक् प्रकार से गमन अथवा परिणमन करना “
आर्यनंदि Disciple of ‘Acharya Chandrasen’ and spiritual guide of Veersen ji. पंचस्तूप संघ की पट्टावली के अनुसार चंद्रासेन के शिष्य तथा वीरसेन (धवलाकार) के गुरू थे (ई.767-798)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाश्वत सुख – Shashvata Sukha. Supreme or enternal bliss. अनंत सुख ” अर्थात सूक्ष्म लोभ का नाश होने से जो सूक्ष्म परिणाम शेष रह जाते हैं वह सूक्ष्म चरित्र है वह शाश्वत सुख का स्थान है “