इंद्रियज सुख!
इंद्रियज सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा उनके विषय भोगने को इन्द्रियज सुख कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रियज सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा उनके विषय भोगने को इन्द्रियज सुख कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमोपकरण – Sanyamopakarana. Restraint indicating article (Pichchhi) possessed by Digambar jaina saint. It is made by peacock- feathers which are turned down naturally while dancing of peacock. जैन साधु के योग्य संयम का पालन करने में सहायक पिच्छिका को संयमोपकरण कहते हैं ” यह प्राकर्तिक रूप से गिरे हुए मोर के पंखों से बनायी…
धृतिदेवी A female presiding deity of Tiginchha pond (Sarovar) and Dhrati summit situated at Nishadh mountain. निषध पर्वत पर स्थित तिगिंछ ह्रद व धृतिकूट की स्वामिनी देवी।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धृत A king of Kuru dynasty, Name of a summit of Nishadh mountain and its deity. कुरूवंश का एक राजा, निषध पर्वत का एक कूट व उसका देव । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इंद्रक Middle aboding places (Viman) of heaven & middle dwelling places (Bill) of hell. पटल इंद्रक का अर्थ अन्तर्भूमि है स्वर्गो में मध्य के विमान एंव नरकों के बिल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धाराचारण ऋद्धि A type of super natural power (violenceless movement). चारण ऋद्धि का एक भेद; जिसके प्रभाव से मुनि मेघों से छोड़ी गयर जलधाराओं में स्थित जीवों को पीड़ा न पहुंचाकर उनके ऊपर से जाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदि – Shreenandi. The disciple of Sakalchandra of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु ” आपके लिए ही पद्मनंदि ने जम्बूद्वीप पण्णति लिखी थी ” अपरनाम रामनंदि, समय- ई. 968-1023 “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्वी–Yashasvi. The other name of the 9th Kulkar (ethical founder). 9वें कुलकर का अपर नाम”
धवला टीका A book written by Acharya Virsen. आचार्य भूतबलि (ई. 136-156) कृत षट्खण्डागम ग्रंथ के प्रथम 5 खण्डों पर आचार्य वीरसेन स्वामी (ई. 816) द्वारा लिखित विस्तृत टीका। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]