उदयचन्द्र!
उदयचन्द्र Name of an Acharya of Nandi group, Name of a poet. नन्दी]संघ (देशीयगण) की नयकीर्ति शाखा के एक गुरू अपभ्रंश कवि इनकी प्रधान कृति सुअंधदहमीकहा है (समय ई. सन् ११५० ११९६) ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदयचन्द्र Name of an Acharya of Nandi group, Name of a poet. नन्दी]संघ (देशीयगण) की नयकीर्ति शाखा के एक गुरू अपभ्रंश कवि इनकी प्रधान कृति सुअंधदहमीकहा है (समय ई. सन् ११५० ११९६) ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आबाधा A time period between binding & fruition of Karmas. कर्म प्रकृति बंध होने के बाद जब तक उदयरूप व उदीरणा रूप वह कर्म प्रकृति हो तब तक का काल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तार रूचि –VistaraRuchi. Those having interest of thorough study. शिष्यों के तीन भेदों, में एक भेद, विस्तार से समझने की रूचि रखने वाले शिष्य “
आप्तमीमांसा विवृद्धि A book written by ‘Kumarsen’. कुमारसेन (ई. सन्696) द्वारा रचित एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्विचरमावली A time period (last 2 Avali). अंतिम दो आवली। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीभूषण – Shreebhoosana. Name of a Bhattarak, the writer of many books like Shantinath Puran, Pandav Puran etc. शांतिनाथ पुराण, पांडव पुराण, द्वादशांग पूजा तथा प्रबोध चिंतामणि के कर्ता एक भट्टारक “
द्वयाश्रय महाकाव्य A book written by Shvetambaracharya Hemchandra Suri. श्वेताम्बराचार्य हेमचन्द्र सूरि (ई.1088-1173) की एक रचना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीकांता – Shreekaantaa. Mother’s name of Jaina Lord Kunthynath, The Vapis (like large lakes) in the forest (Nandan etc.) of Sumeru mountain. तीर्थंकर कुंथुनाथ की माता राजा शूरसेनी की रानी, सुमेरु पर्वत के नंदन आदि वनों में स्थित वापियां “