द्वैधीभाव!
द्वैधीभाव Dual nature as a virtue of king. राजा का एक गुण शत्रुओं में यथावश्यक संधि और विग्रह करा देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वैधीभाव Dual nature as a virtue of king. राजा का एक गुण शत्रुओं में यथावश्यक संधि और विग्रह करा देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गोशाल Name of the founder of a false doctrine. एक मिथ्यामृत प्रवर्तक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदोदरी Mamdodari. Name of the wife of Ravan. रावण की पटरानी, जिसने रावण की मृत्त्यु तथा पुत्रो आदि के वियोग से दुखी होकर दीक्षा ले ली “
द्वींद्रिय जाति नामकर्म A Karmic nature causing birth in the form of two sensed beings. वह कर्म प्रकृति जिसमें द्वींद्रिय जाति प्राप्त हो जैसे- शंख, सीप इत्यादि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वितर्क – Vitarka.: Argument or to make arguments. श्रुत “विशेषरूप से ऊहा या तर्कणा करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्र दोष: A type of saint’s fault related to obtaining food by giving temptation of some mystic word. दाता को मंत्र की महिमा बताकर और मंत्र देने की आशा दिलाकर यदि साधु आहार प्राप्त करें तो वह मंत्रदोष कहलाता हैं एवं आहार देने वाले के द्वारा व्यंतरादिदेवों को विद्या तथा मंत्र से बुला…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजया – Vijayaa.: Mother’s name of Tirthankar (Jain-Lord) Ajitnath,Name of the female demigod of Jain-Lord Aranath. तीर्थंकर अजितनाथ की माता राजा जितशत्रु की रानी ,भगवान अरहनाथ की शासन देवी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगलाव्रत: Name of a summit of Saumnasa mountain and its protecting deity. सौमनस पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयकीर्ति – Vijayakirti.: Name of a spiritual teacher of Nandi group (the disciple of Gyanbhushan). नंदिसंघ बलात्कारगण ईडर गद्दी में ज्ञानभूषण के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरु “समय –वि. 1552 – 1570 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदृश तद् उपचार – Sadrisha Tad Upachaara. A type of wrong interpretation for one or addressing one wrongly (a type of conventional or figurative usage). एतद्वान मे तत् का उपचार। गाड़ी वाले पुरुष को गाड़ी कहना या लाठी वाले पुरुष को लाठिया कहना।