ईसान!
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गौड़पाद Spiritual teacher of ‘Shankaracharya’ (a celebrated Hindu ascetic). शंकराचार्य के दादा गुरु . समय -ई. ७८० ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मद्यमयी- Madyamayi. A part of circumference of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत की परिधि के सात भागों में एक भाग “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथकत्व वितर्क – Prthaktva Vitarka. First Shukla Dhyan (Absolute Meditation). पहला शुक्ल्ध्यान – यह आठवें से बारहवें गुणस्थान के कुछ भाग तक होता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मतिज्ञान- Matigyana. Sensory knowledge, perceptual cognition. 5 ज्ञानों में एक ज्ञान ;मन और इन्द्रिय की सहायता से उत्पन्न होने वाला ज्ञान “
ईर्यापथ क्रिया Act of walking carefully. सूक्ष्म जीवों आदि को जमीन आदि पर देखते हुए चलना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गोशीर्ष A mountain of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). भरत क्षेत्र आर्यखण्ड का मलयगिरी के निकट स्थित एक पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटि्य – Mattiya. Living beings like centipede having number of legs. बहुत पैर जिस के रहते हैं ऐसा जो ‘कनखजूरा’ जैसा प्राणी हैं , उसे मटि्य कहतेहैं “
चन्दन कथा A book written by Acharya Shubhchandra-5. आचार्य शुभचन्द्र -५ (ई. १५१६-१५५६) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समंतभद्र – Samantabhadra.Name of great Acharya, the writer of Svayambhu Stotra, Tattvanushasan, Ratnakarandashravaka-chr etc. many great treatises. आचार्य सिद्वसेन के उत्तरवर्ती एक आचार्य। स्वयम्भू स्तोत्र, स्तुति विद्या, देवागम स्तोत्र, युक्त्यानुशासन, तत्वानुशासन, जीवसिद्वि, प्राकृत व्याकरण, रत्नकरण्डश्राावकाचार आदि अनेक ग्रंथो के रचयिता संस्कृत कवि, वादी, वाग्मी, गमक, तार्किक आदि उपाधियो से समन्वित एक प्रसिद्व आचार्य।