सहस्रनयन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनयन – Sahasranayana. The son of Sulochana. सगर चक्रवर्ती का साला तथा सुलोचना का पुत्र ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनयन – Sahasranayana. The son of Sulochana. सगर चक्रवर्ती का साला तथा सुलोचना का पुत्र ।
तिर्यांच The beings other than human, celestial & infernal beings. मनुष्य , देव और नारकी जीवों को छोड़कर शेष एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय तक के जीव तिर्यंच कहलाते हैं। मन वचन काय की कुटिलता को प्राप्त, निकृष्ट अज्ञानी और जिनके अत्यधिक पाप की बहुलता पायी जाये, उसको तिर्यंच कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तारणपंथी Non-idolator sect of Digambara Jain tradition. दिगम्बर जैनों में मूर्ति पूजा को न मानने वाला एक नया पंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तात्पर्यवृत्ति Name of commetary books; written by Acharya Abhaynandi & Acharya Jaisen separately. आचार्य अभयनन्दि (ई. 930-950) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की टीका का नाम , आर्चार्य जयसेन (ई.श. 11-12) वृत्त समयसार , प्रवचनसार , व पंचास्तिकाय की टीकाएँ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राथमिक- प्रारम्भिक, जो पहले उत्पन्न हुआ है। Prathamika- Elementary, primary
तप्त ऋद्धि Heated, hot. जिस ऋद्धि से खाया हुआ अन्न धातुओं सहित क्षीण हो जाता है अर्थात् मल- मूत्रादि रूप परिणमन नहीं होता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणरक्षा – अहिंसा; जीवों के प्राणों की रक्षा करना। Pranaraksha- Life saving activities, non-violence
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहु आरम्भ- नरक आयु के आस्त्रव का कारण; मर्यादा से अिधक अन्यायपूर्वक व्यापारादि करना। Bahu Arambha- Unlimited household activities