बाह्य कारण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य कारण – Bahya Karana. External cause. कार्य सिध्द में निमित्तभुत बाहरी कारण जिसके होने पर कार्य की सिध्द अवश्यंभावी नहीं है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य कारण – Bahya Karana. External cause. कार्य सिध्द में निमित्तभुत बाहरी कारण जिसके होने पर कार्य की सिध्द अवश्यंभावी नहीं है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा:Tradition, Custom, Sequence.एक के बाद दूसरा, अविछिन्न, श्रृंखला ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव पाप – Bhava Papa. Subjective vices or sins. मन से होने वाले ५ पाप या पाप रूप परिणाम “
उत्पादक Producer, Manufacturer, Grower. बनाने वाला या उत्पन्न करने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरुपक्रम आयुष्क – Nirupakrama Aayushka. Beings having non reducible age or to have timely death (according to Jaina philosophy). अन्पवर्तितआयुष्क देव, नारकी, भोगभूमिज तिर्यच व मनुष्य जिनका अकालमरण नहीं होता “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मासन:A Posture of meditation, Specific sitting posture related to Yoga. ध्यान का आसन सीधे बैठकर बायां पैर दाहिनी जांघ पर व दाहिना पैर बांई जांघ पर रखकर बाएं हाथ की हथेली पर दाहिने हाथ की हथेली रखना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाख्यात विहार-शुद्धिसंयत–Yathakhyat Vihar–Shuddhi Sanyat. Those at the 11th, 12th, 13th or 14th stages of spiritual development. 11, 12, 13, 14वे गुणस्थान में पाये जाने वाले जीव यथाख्यात विहार शुद्धि संयत कहलाते है” अथवा जो यथाख्यात चारित्र वाले होते हुए शुद्धि प्राप्त संयत है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराकार स्थापना निक्षेप –Nirakaara sthaapanaa Nikshepa. Unmaching installation of two different images. किसी वास्तु में किसी की स्थापना जिसमें उसका आकर वैसा न हो “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्म (देव) – Brahma (dev). A type of Kalpavasi deities. कल्पवासी देवों का एक भेद, ५ वें स्वर्ग के देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवप्रा – Suvapraa. Name of a country of the werstern Videh (region). पश्चिमी विदेहस्थ एक देष, वैजयन्ती यहाॅं की राजधानी है।