यशोदेव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोदेव – यषास्तिलकचम्पू के कत्र्ता सोमदेव के दादा गूरू और नेमिदेव के गुरू। समय ई – 918 – 943। Yasodeva-The writer of Yashastilakchampu
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोदेव – यषास्तिलकचम्पू के कत्र्ता सोमदेव के दादा गूरू और नेमिदेव के गुरू। समय ई – 918 – 943। Yasodeva-The writer of Yashastilakchampu
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतमुनि – Shrutamuni. The disciple of saint Abhayachandra Suri. त्रिभंगीसार टीका एवं परमागमसार ग्रंथ के रचयिता, जो अभयचंद्र सूरि के शिष्य थे ” समय ई. श. 13-अंतिम पाद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग लोकेषणा – षुभ कर्मो से पुण्य की चाह। Ragalokesana- longing for virtuous life by auspicious karmas
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोम – शरीर के समस्त छिद्रो मे स्थित सूक्ष्म बाल।आदारिक षरीर में रोमो का प्रमाण 80,000,00 करोड है। Roma-Small hair in the pores in the body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योषित – स्त्री, चक्रवर्ती के 14 रत्नो में एक रत्न। Yosita-A women one of the 14th Jewels of Chakravarti
इंद्रिय सुख Sensual pleasure. इन्द्रिय के द्वारा उनके विषयों को भोगना इन्द्रिय सुख है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पुरुष – Satpurusha. Noble persons, A type of peripatetic deities. महापुरुष, किम्पुरुष जाति के व्यंतर देवों के 10 भेदों में एक भेद “
द्रोणाचार्य The teacher of ‘Kauravas’ and ‘Pandavas’ and the father of ‘Ashvatthama’. कौरवों तथा पाण्डवों के गुरू तथा अश्वत्थामा के पिता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उन्मान Weighing instruments, Balance metric. तगर आदि द्रव्यों को ऊपर उठाकर जिनसे तौला जाता है वे तराजू आदि उन्मान हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]